मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुलाकात
अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी देकर राहत राशि का सौंपा माँग पत्र
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर राज्य में अतिवृष्टि और बाढ़ से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इस संबंध में ज्ञापन दिया। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण प्रदेश में 16000 करोड़ रूपये से अधिक का नुकसान हुआ है। खरीफ़ फसलें- सोयाबीन, उडद और कपास पूरी तरह से बरबाद हो चुकी हैं। यह एक राष्ट्रीय समस्या है, क्योंकि मध्यप्रदेश से उत्पादित यह फसलें पूरे देश की जरूरत पूरी करती हैं। वहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्री कमल नाथ को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
60 प्रतिशत हुई अधिक वर्षा
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने लगभग 45 मिनट की मुलाकात के दौरान अतिवृष्टि और उससे उत्पन्न समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि राज्य में जून 2019 से अब तक सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। राज्य के 52 जिलों में से 20 जिलों में सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। मालवा क्षेत्र के मंदसौर, नीमच, आगर मालवा अत्यधिक वर्षा के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। किसानों के धान को छोड़कर लगभग सभी फसलों में बहुत अधिक नुकसान हुआ है। एक लाख से अधिक मकानों को नुकसान हुआ है। राज्य सरकार और भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों की मदद से 75 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। 242 गांवों को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से खाली कराया गया है।
2285 करोड़ की मांग
सार्वजनिक अधोसंरचना को वर्षा के कारण भारी नुकसान हुआ है। लगभग 11 सौ किलोमीटर सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है और 1700 से अधिक पुल-पुलियां प्रभावित हुई हैं। कमल नाथ ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि एक बार फिर से नुकसान का सर्वे करवायें ताकि नुकसान का वास्तविक आकलन किया जा सके, क्योंकि अभी बारिश का दौर जारी हैै। पूरे आकलन के बाद ही किसानों को उनके नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।कमल नाथ ने केन्द्र से राष्ट्रीय विकास आपदा राहत कोष से 6621.28 करोड़ रुपये और अधोसंरचना पुनर्निमाण के लिए 2285.88 करोड़ रुपये राशि की मांग की। उन्होंने इस त्रासदी को गंभीर आपदा की श्रेणी में रखने की मांग की। साथ ही प्रधानमंत्री से विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के अंदर केन्द्र में लंबित राशि को शीघ्र जारी करने की मांग की।