मुख्यालय का हर वाशिंदा नपा का 750 का कर्जदार!

व्यापारियों सहित रहवासियों के ऊपर नपा के 6 करोड़ 76 लाख बकाया
पूर्व की परिषदों में खुल कर बटी थी रेवड़ी
निर्धारित समय में जमा न किये तो होर्डिंग व अखबारों में छपेंगे नाम
(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। संभागीय मुख्यालय की आबादी लगभग 90 हजार के आस-पास जा पहुंची है, बीते दिनों नगरपालिका के राजस्व महकमें की बैठक में नपा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी व राजस्व कर्मचारियों के बीच अब तक विभिन्न विभागों की बकाया सूची बनाई गई, आंकड़े बताते हैं कि मुख्यालय में निवासरत लगभग 90 हजार वाशिंदो में से हर वाशिंदे के ऊपर लगभग 750 रूपये का कर्ज है। जो उसे नपा को देना है, दुकानों का किराया, दुकानों की पगड़ी, जल कर सहित संपत्ति कर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर एवं शिक्षा उपकर का बकाया कुल जोड़कर लगभग 6 करोड़ 76 लाख 34 हजार रूपये के आस-पास है। नगरपालिका द्वारा इसे वसूलने और राजस्व के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जो बिन्दु तय किये गये हैं और उन पर यदि ईमानदारी से प्रयास व कार्यवाही की गई तो, वसूली गई राशि से ही मुख्यालय का कायाकल्प हो सकता है।
310 दुकानों का किराया
नगरपालिका की बैठक के दौरान पालिका द्वारा निर्मित करने के बाद किराये पर दी गई, लगभग 310 दुकानों का किराया 28 लाख 96 हजार रूपये आज भी बकाया है। इससे बड़ी राशि उन 40 दुकानों से वसूली जानी है, जिसे बोली के समय कारोबारियों ने ऊंचे दांव लगाकर अपने नाम तो करा लिया, लेकिन दुकान की चाभी और कब्जा लेने के बाद भी बोली की राशि नपा के खाते में जमा नहीं की। ऑफसेट प्राइज के नाम पर नपा को 40 दुकानदारों से अभी 3 करोड़ 20 लाख रूपये वसूलने हैं।
करोड़ों का कर बकाया
नगर पालिका क्षेत्र में बने भवनों के कर के अलावा समेकित कर, नगरीय विकास उपकर एवं शिक्षा उपकर 3 हजार कर दाताओं के ऊपर 2 करोड़ 75 लाख रूपये बकाया हैं, इसके अलावा मुख्यालय में रहने वाले लगभग 1 हजार जल उपभोक्ताओं के ऊपर 52 लाख 38 हजार रूपये का कर बकाया है। निकाय द्वारा कर वसूली के लिए उपभोक्ताओं और अन्य सभी को दर्जनों नोटिस दिये गये हैं, लेकिन अभी भी इतनी बड़ी राशि वसूलना बाकी है।
वसूली के लिए मीडिया और होर्डिंग में आम होंगे नाम
निकाय की बैठक में इन बिन्दुओं पर भी सहमति हुई कि 6 करोड़ से अधिक की बकाया राशि वसूलने के लिए नगर पालिका हर संभव प्रयास करेगी, इसके लिए सबसे पहले कर वसूलीदारों के पास नोटिस भेजे जायेंगे, जिन कारोबारियों से किराया और दुकानों की ऑफसेट प्राइज की बड़ी राशि लेनी है, उन्हें वकीलों के माध्यम से नोटिस दिये जायेगे, इसके बाद भी यदि राशि जमा नहीं की जाती है तो, निर्धारित तिथि के बाद दुकानों को पर तालाबंदी करने व राजसात संबंधी कार्यवाही भी की जायेगी, यही नहीं यह भी निर्णय लिया गया है कि नोटिस के बाद बकायादारों की सूची समाचारपत्रों में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित कराई जायेगी और शहर के प्रमुख स्थानों पर बकायादारों के नाम, वसूली जाने वाली राशि के साथ बड़े-बड़े होर्डिंग में चस्पा किये जायेंगे।