रसूखदारों को भूली नपा @ सौंदर्यीकरण के नाम पर कोरोना की मंदी से उठ रहे गरीबों पर बरसाया कहर

सौदर्यीकरण के फेर में बाईपास की दर्जनों दुकाने नपा की रडार में
साल भर में जयस्तंभ की सड़क बनी नहीं, आगे की तैयारी शुरू
नगर पालिका अध्यक्ष को वार्डवासियों ने लिया आड़े हाथों
बांडगंगा तिराहे से रीवा रोड की ओर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर नपा ने अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो, अध्यक्ष को लेकर नागरिक उबल पड़े, नागरिकों ने अपनी दुकानों की हदें तोड़ते हुए एक स्वर में कहा कि हमने तो दुकान तोड़ दी, अब गांधी चौक को भी चंद्रलोक से मुक्त करा दो।
- (अनिल तिवारी)
शहडोल। नगर पालिका द्वारा जयस्तंभ से लेकर बाणगंगा तिराहा होते हुए रीवा रोड की ओर अतिक्रमण हटाने की मुहीम कुछ दिनों से चलाई जा रही है, संभवत: सड़क चौड़ीकरण व सौदर्यीकरण के लिए बीच सड़क से दोनों तरफ 50-50 मीटर क्षेत्र में किये गये अतिक्रमण को हटाया जा रहा है, शुक्रवार को बाणगंगा तिराहे से रीवा रोड की ओर बनी दुकानों के सामने पूर्व में कोई नोटिस या सूचना दिये बिना ही नगर पालिका का अमला अचानक आ पहुंचा और नाप जोख की जाने लगी तो, व्यापारी पसोपेश में आ गये। यह मुहीम शनिवार को भी चली तो, व्यापारियों ने नगर विकास के मुद्दे पर प्रशासन का साथ देते हुए खुद ही अपनी हदें सिकोडऩी शुरू कर दी, लेकिन कोरोना काल के दौरान लगभग 3 माह के बाद व्यवसाय चालू करने वाले व्यापारियों का दुख सामने आ गया।
हम तो ठीक, चंद्रलोक कब टूटेगा
व्यापारियों ने कहा कि हम तो प्रशासन द्वारा पूर्व में नोटिस दिये बिना ही की जा रही कार्यवाही में सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन प्रमुख गांधी चौराहे के समीप नेमचंद व खेमचंद जैन नामक व्यापारियों द्वारा करोड़ों की भूमि पर किये गये अतिक्रमण व नगर पालिका-एसडीएम कार्यालय द्वारा उसे तोडऩे का मामला कहां गायब हो गया। गौरतलब है कि बीती 20 अगस्त को विभागीय पत्र क्रमांक 1785 के माध्यम से नजूल अधिकारी शहडोल सहित तहसीलदार सोहागपुर और एसडीएम सोहागपुर को यह अवगत कराया गया कि आराजी खसरा क्रमांक 119/2 एवं खसरा नंबर 120 के अंश भाग में नेमचंद जैन पिता शेखर चंद जैन द्वारा अनाधिकृत निर्माण किया गया है। खुद अतिक्रमण कारियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शहडोल के न्यायालय में परिवाद क्रमांक 1051/14, दिनांक 03 जून 2014 को न्यायालय के समक्ष नेमचंद जैन ने अतिक्रमण करने का जुर्म भी स्वीकारा था। साथ ही नपा ने भी खसरा नंबर 119/2 और 120 के अंश भाग पर 6224 वर्गफिट का भू-खण्ड श्रीमती सरस्वती बाई बडेरिया पत्नी महेश बडेरिया के नाम पर लीज हेतु स्वीकृत होना स्वीकारा, लेकिन आर्थिक लाभ में नपाध्यक्ष सहित सब चुप्पी साध गये।
नपाध्यक्ष को घेरा मतदाताओं ने
दर्जनों व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि वोट लेने के लिए नपाध्यक्ष दरवाजे तक आई थी, लेकिन अब उन्हें गरीबों की जगह चंद्रलोक के मालिको की परवाह ज्यादा है, तभी तो उनके ऊपर कार्यवाही नहीं की गई, उन्होंने कहा कि नगर पालिका के बजट को निपटाने और उसमें जुगाड़ के कारण यह सब खेल हो रहा है, अधिकारियों को आगे करके अध्यक्ष व अन्य हमारे घरों को निशाना बना रहे हैं।
वर्षा व कोरोना को भी भूले
व्यापारियों ने यह भी कहा कि अभी 3 महीनें से कोरोना वॉयरस के कारण दुकाने बंद थी, हम वैसे ही आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, अभी व्यवसाय चालू हुए कुछ दिन ही हुए कि अब अतिक्रमण के कारण पूरा व्यापार चौपट होता नजर आ रहा है, उन्होंने कहा कि कलेक्टर व नपा की अध्यक्ष को वर्षा ऋतु का भी ख्याल नहीं आया, इस काल में भी व्यापार को चौपट करना और रसूखदारों को छूट देना कहां तक जायज है।