रामपुर बना कोल माफियाओं का गढ़

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जमुना नाले सहित बिछिया नाले के समीप हो रहा उत्खनन

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल । प्रशासन द्वारा ग्राम बटुरा में चल रहे कोयले के अवैध उत्खनन के खिलाफ पिछले पखवाड़े मुहीम चलाई गई थी, यहां दर्जन भर से अधिक अवैध कोयला खदानें प्रशासन ने बंद करा दी तो खनिज माफियाओं ने इस क्षेत्र से थोड़ा और आगे बढ़कर बिछिया और रामपुर के ग्रामों में अपनी जड़े जमा ली है, खबर है कि बटुरा की तरह यहां भी दर्जनों कोयले की अवैध खदानें हैं, यहां नियमित रूप से कोयले का अवैध उत्खनन खदान बनाकर उनमें से किया जा रहा है, रोजाना कई टन कोयला निकलता है, जिसे ट्रैक्टर व ट्रकों में भरकर अंयत्र ले जाते हैं। बिछिया और रामपुर क्षेत्र में चल रहे अवैध कारोबार पर न तो स्थानीय पुलिस की नजर और न ही खनिज विभाग तक ही इसकी जानकारी है, जिस कारण यह क्षेत्र खनिज माफियाओं का गढ़ बनता जा रहा है।
दर्जनों मजदूर लगे उत्खनन में
अवैध उत्खनन के कारोबार में रामपुर, बिछिया क्षेत्र के श्रमिक तो काम कर ही रहे हैं, पूर्व में बटुरा क्षेत्र में कोयले के उत्खनन में लगे दर्जनों श्रमिक भी अब वहां काम बंद होने पर यहां अब शरण लिए हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों के दर्जनों श्रमिक यहां अपनी जान जोखिम में डालकर दो वक्त की रोटी के लिए मौत से जूझते हैं, कोयला निकालने के बाद क्षेत्र के ईंट भ_ों में बेंच देते हैं।
यहां हो रहा उत्खनन
ग्राम रामपुर और बिछिया क्षेत्र से होकर गुजरने वाले बिछिया व जमुना नाले से लगा क्षेत्र कोल माफियाओं की पहली पसंद है, यहां बटुरा की तर्ज पर दर्जनों अवैध खदानें खुली हुई हैं, जमुना नाले से कुछ ही दूरी मे झूमर बगार के तलछट सहित बिछिया रामपुर रोड़ मे जमुना नाले के ही ऊपर बिहारी नामक कास्तकार की भूमि से लगे भू-खण्ड पर खदानें बनी हुई हैं, इसके साथ ही इससे आगे के क्षेत्र में जहां से भी सोन नदी होकर गुजरी है, वहां भी कोयले का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

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