लघु वेतन कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

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Ajay Namdev-7610528622
अनूपपुर। 6 फरवरी को मंत्रालय में शासन-प्रशासन उपस्थिति में बैठक की गई थी जिसमें मान्यता प्राप्त, गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आकस्मिक स्थाईकर्मी दे.वे.भो. कर्मचारी आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, ग्राम रक्षक, कोटेदार, सामुदायिक केन्द्र/शासकीय मिड-डे-मिल के रसोईया आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगी की मांगों के संबंध में चर्चा की गई थी जिस पर शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन भी दिया गया था किन्तु आर्थिक आर्थिक मांगे तो दूर अनार्थिक मांगों पर भी विचार नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण पुन: शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाने के लिये विवश होकर चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया गया है। इसके बाद भी शासन प्रशासन को समय-समय पर स्मरण पत्र मांगों की पूर्ति हेतु संघ द्वारा दिया जाता रहा है।


यह है मांगे
प्रदेश में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वृत्तिकर से मुक्त रखे जाने हेतु कई बार शासन स्तर से चर्चा हुई जिसमें आदेश तो जारी किए गए किन्तु उसमें 80 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं है। भृत्य का पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक करने के बारे में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि इसमें कोई आर्थिक भार नहीं है। एक माह के अन्दर आदेश जारी हो जायेगें, लेकिन अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए। भृत्य, चौकीदार सहित सभी संवर्ग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड-पे में संशोधन 1300 रूपये के स्थान पर 1800 किये जाने हेतु वर्ष 2006 से मांग चल रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु में दो वर्ष की वृद्धि कर 64 वर्ष हेतु मांग की गई है। क्योंकि 1955 से ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु
अन्य संवर्ग से दो वर्ष अधिक रही है।


वचन पत्र में है उल्लेख
प्रदेश में कार्यरत स्थायी कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु वचन पत्र में उल्लेख किया गया है समय समय पर कर्मचारियों के हित में शासन द्वारा जो भी आदेश जारी हो स्थाई कर्मचारियों को भी उसका लाभ दिया जावे। प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारी कई विभागों में कार्य करते है जैसे स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, आसूस विभाग, कौशल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन मॉडल स्कूल जिनको केवल 3000 से 5000 रूपये मासिक वेतन दिया जाता है जबकि उक्त कर्मचारी एवं निष्पादन करते है। जो लगभग 15-20 वर्षो से कार्यरत है जिनकों कलेक्टर दर अथवा स्थाईकर्मी विनियमित किये जाने की मंाग है।


शासकीय कर्मचारी का दिया जाये दर्जा
मिड-डे-मिल की रसोईयों/शासकीय रसोईयों भोजन बनाने का काम करते हैं को मानदेय 2000 रूपये दिया जाता है जो की बहुत ही कम है। उनके मानदेय में वृद्धि कर 10 हजार किया जाये, साथ ही आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगी कर्मचारी जो स्वास्थ्य विभागों के अधीन चिकित्सलयों में काम करते हैं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए कम से कम 10 हजार रूपये वेतन स्वीकृत किये जाने हेतु आदेश जारी किया जावे। मध्यप्रदेश लघुवेतन कर्मचारी संघ कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण के लिये समय-समय पर शासन का ध्यान अकर्षित किया जाता है, किन्तु अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों के विभिन्न समस्या यथावत बनी हुई है।

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अनूपपुर। 6 फरवरी को मंत्रालय में शासन-प्रशासन उपस्थिति में बैठक की गई थी जिसमें मान्यता प्राप्त, गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आकस्मिक स्थाईकर्मी दे.वे.भो. कर्मचारी आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, ग्राम रक्षक, कोटेदार, सामुदायिक केन्द्र/शासकीय मिड-डे-मिल के रसोईया आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगी की मांगों के संबंध में चर्चा की गई थी जिस पर शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन भी दिया गया था किन्तु आर्थिक आर्थिक मांगे तो दूर अनार्थिक मांगों पर भी विचार नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण पुन: शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाने के लिये विवश होकर चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया गया है। इसके बाद भी शासन प्रशासन को समय-समय पर स्मरण पत्र मांगों की पूर्ति हेतु संघ द्वारा दिया जाता रहा है।


यह है मांगे
प्रदेश में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वृत्तिकर से मुक्त रखे जाने हेतु कई बार शासन स्तर से चर्चा हुई जिसमें आदेश तो जारी किए गए किन्तु उसमें 80 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं है। भृत्य का पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक करने के बारे में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि इसमें कोई आर्थिक भार नहीं है। एक माह के अन्दर आदेश जारी हो जायेगें, लेकिन अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए। भृत्य, चौकीदार सहित सभी संवर्ग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड-पे में संशोधन 1300 रूपये के स्थान पर 1800 किये जाने हेतु वर्ष 2006 से मांग चल रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु में दो वर्ष की वृद्धि कर 64 वर्ष हेतु मांग की गई है। क्योंकि 1955 से ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु
अन्य संवर्ग से दो वर्ष अधिक रही है।


वचन पत्र में है उल्लेख
प्रदेश में कार्यरत स्थायी कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु वचन पत्र में उल्लेख किया गया है समय समय पर कर्मचारियों के हित में शासन द्वारा जो भी आदेश जारी हो स्थाई कर्मचारियों को भी उसका लाभ दिया जावे। प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारी कई विभागों में कार्य करते है जैसे स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, आसूस विभाग, कौशल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन मॉडल स्कूल जिनको केवल 3000 से 5000 रूपये मासिक वेतन दिया जाता है जबकि उक्त कर्मचारी एवं निष्पादन करते है। जो लगभग 15-20 वर्षो से कार्यरत है जिनकों कलेक्टर दर अथवा स्थाईकर्मी विनियमित किये जाने की मंाग है।


शासकीय कर्मचारी का दिया जाये दर्जा
मिड-डे-मिल की रसोईयों/शासकीय रसोईयों भोजन बनाने का काम करते हैं को मानदेय 2000 रूपये दिया जाता है जो की बहुत ही कम है। उनके मानदेय में वृद्धि कर 10 हजार किया जाये, साथ ही आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगी कर्मचारी जो स्वास्थ्य विभागों के अधीन चिकित्सलयों में काम करते हैं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए कम से कम 10 हजार रूपये वेतन स्वीकृत किये जाने हेतु आदेश जारी किया जावे। मध्यप्रदेश लघुवेतन कर्मचारी संघ कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण के लिये समय-समय पर शासन का ध्यान अकर्षित किया जाता है, किन्तु अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों के विभिन्न समस्या यथावत बनी हुई है।

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