लॉकडाउन में साहब घर से ही चलाते रहे कोर्ट!

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पूरे देश में संभवत: ब्यौहारी में ही एसडीएम कोर्ट से पारित होते रहे आदेश
संजय के मैनेजमेंट से पाण्डेय जी बढ़ाते रहे फाईलें

(सतीष तिवारी+91 94243 33370)
शहडोल। 24 मार्च से घोषित हुए बीते 60 से अधिक दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेशों के बाद पूरे प्रशासन व प्रशासनिक अधिकारियों को पूर्व से चल रहे ऐसे कार्य जिन्हें टाला जा सकता है, उन्हें किनारे कर कोविड-19 के संदर्भ में आने वाले आदेशों को वरीयता देने, लॉकडाउन का पालन करने, अन्यत्र से आने वाले लोगों पर नजर रखने के साथ ही दर्जनों ऐसे आदेष दिये गये, जिन पर ब्यौहारी को छोड़ प्रदेष व देष के समस्त राजस्व सहित अनुविभागीय अधिकारी व उनकी पूरी टीम जूझती रही, इन परिस्थितियों के बीच ब्यौहारी एसडीएम पी.के.पाण्डेय ने अपनी योग्यता दिखाते हुए इन सभी कार्याे के साथ ही एसडीएम कोर्ट के दर्जनों अनसुलझे व लंबित मामलों पर भी फैसला दे दिया, यह भी आरोप हैं कि एसडीएम ने अपने मातहत संजय शर्मा के माध्यम से इन फाईलों का निपटारा मैनेजमेंट के बाद एसडीएम कोर्ट की जगह घर पर ही बैेठे-बैठे कर दिया, यही नहीं इस मामले के ब्यौहारी में चर्चा में आने के बाद दर्जनों नागरिकों ने वर्षाे से लंबित अपने मामलों के निपटारा न होने को लेकर एसडीएम के खिलाफ आवाज उठाना भी शुरू कर दिया है।
संदेहास्पद है आदेश
22मार्च से 31 मई तक जारी लाकडाउन के दौरान एसडीएम साहब ने 04 मई से 18मई तक अनेको आदेश पारित किये है। जो नियम विरुद्ध बताये जा रहे है, पारित आदेश में प्रकरण क्रमांक-0002/अ-74/202021 से 0003/अ74/2020-21 लगभग 28 प्रकरण है। जिसमे मूलप्रकरण पुन:विलोकन अपील के मामले शामिल है। जिसमें प्राकृतिक प्रकोप अवैध परिवहन पुनविलोकन अभिलेख दुरुस्ती भूमि बंटवारा सहित अन्य अपील के प्रकरणों में आदेश पारित किया गया है, उक्त आदेश संदेहास्पद बताये जा रहे है।
चढ़ावा बिना नहीं होता काम
खबर है कि एसडीएम कार्यालय मे पदस्थ बाबू संजय वर्मा स्थानीय नगरीय क्षेत्र के वार्ड 01 मुदरिया के पुस्तैनी निवासी होने के कारण एसडीएम कोर्ट के तमाम प्रकरणों मे वादी व प्रतिवादी से सांठ-गांठ कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से नियम विरूद्ध तरीके से मनमानी आदेश पारित करा कर भ्रष्टाचार को बढावा दिया है, लोगों ने उक्त बाबू पर बिना चढ़ावा लिए कोई भी काम नही करने के आरोप लगाये है।
जांच दल का करें गठन
स्थानीय नागरिक विकाश तिवारी का कहना है कि उनके डायवर्सन का प्रकरण वर्षों से लम्बित है। जिसका भूभाटक और प्रीमियम राशि जमा की जा चुकी है पर आज तक डायवर्सन आदेश नही दिया गया, लेकिन विवादित भूमियों का डायवर्सन लेन-देन के आधार पर तत्काल यहां से कर दिया जाता है। जब पूरे देष में सम्पूर्ण लॉक डाऊन घोषित किया गया था तथा पक्षकार अधिवक्ता एवं कर्मचारियों को उपस्थित होने से प्रतिबंधित किया गया हो, ऐसे समय मे राजस्व प्रकरणों में पारित आदेश संदेहात्मक है। जिन्हें कलेक्टर स्वप्रेरणा में लेकर निरस्त करें तथा संबंधितो के विरूद्ध जॉच कमेटी गठित कर दंडित करें, जिससे लोगों मे न्याय के प्रति विश्वास कायम रह सके, लेकिन सबाल यह है की जब सभी कार्यालय पूर्णत:बंद है तो क्या बंगले में आदेश पारित किया गया, जिसे खुले न्यायलय में पारित आदेश नही कहा जा सकता है।
इनका कहना है…
बहुत दिनों से पेंडिंग प्रकरणों में जरुर फैंसले किये गये है, हमें पुराने मामले डिस्पोजल भी रखने पड़ते है।
पी.के.पांडेय
एसडीएम, ब्यौहारी
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मैं जाँच कराउंगा, जो गलत है उस पर कार्यवाही करुंगा।
सतेन्द्र सिंह
कलेक्टर, शहडोल

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