वृद्धा ने कहा…..साहब मैं जिंदा हूं …मुझे पेंशन चाहिए
(शुभम कोरी)
अनूपपुर। जिले की जैतहरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगवां लगातार किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बनी रहती है, नया मामला ग्राम पंचायत बरगवां में पदस्थ रोजगार सहायक प्रतिमा डे से जुड़ा हुआ है, उक्त महिला रोजगार सहायक ने बीते वर्ष 1 अगस्त 2019 को गांव में रहने वाली वृद्धा रामकली गौड़ को मृत घोषित कर उसका नाम वृद्धा पेंशन से काट दिया।
शुरू में वृद्धा को यह लगा कि किसी त्रुटि बस उसकी पेंशन रुकी हुई है, इस कारण व कुछ इंतजार करती रही बाद में पड़ोस पड़ोस के लोगों को लेकर पास में ही स्थित पंचायत भवन जाने लगी, लेकिन उसे कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला, थक-हार कर वृद्धा इस मामले की शिकायत किसी की मदद से जनपद और जिला पंचायत तक पहुंचाई।
यही नहीं इस मामले में सामाजिक न्याय विभाग तक जब शिकायत पहुंची तो उसने वृद्धा को पेंशन न मिलने के कारणों को तलाशना शुरू किया, हालांकि यह काम स्थानीय रोजगार सहायक या फिर अन्य लोगों का था, लेकिन जब इस मामले की पड़ताल की गई तो यह बात सामने आई कि महिला को पेंशन रोजगार सहायक प्रतिमा डे के द्वारा उसे मृत दर्शा दिए जाने के कारण नहीं मिल पाई है, बीते दिनों सामाजिक न्याय विभाग के द्वारा इस संदर्भ में प्रतिमा डे को दो से तीन स्पष्टीकरण दिए गए, लेकिन उनका भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
3 दिन पहले विभाग ने रोजगार सहायक को पुनः पत्र जारी करते हुए उसकी प्रतिलिपि कलेक्टर के साथ ही जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को देते हुए, प्रतिमा डे को आदेश दिए कि उनकी लापरवाही के कारण वृद्धा की पेंशन रुक गई है, जिस कारण अभी तक की रुकी हुई कुल ₹6600 की पेंशन 7 दिवस के अंदर उसके खाते में जमा कर विभाग को अवगत कराएं, अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।
सवाल ये उठता है कि एक ही गांव बरगवां में रहने वाले रोजगार सहायक व उक्त वृद्धा के बीच इतनी दूरी कैसे बढ़ गई कि, उसने वृद्धा को मृत घोषित कर दिया,यही नहीं जब विभाग ने इसकी पुष्टि चाही तो रोजगार सहायक के द्वारा जो मौका पंचनामा बनाकर दिया गया, जिसमें उसने उल्लेख किया कि उक्त नाम की दो महिलाएं थी,नाम दर्ज करने में त्रुटि हो गई, यह मौका पंचनामा भी विभाग ने यह कह कर खारिज कर दिया कि बनाया गया मौका पंचनामा सही नहीं है।
इसके पूर्व भी ग्राम पंचायत में इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं, देखा जाए तो यहां स्थित खेल मैदान का निर्माण भी उक्त रोजगार सहायक के द्वारा मस्टर रोल जारी किए जाने में मनमानी करने के कारण यह कार्य अर्से से रुका पड़ा है,एक तरफ प्रदेश और केंद्र सरकार मनरेगा के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है, वही जमीनी स्तर पर इस तरह के कर्मचारियों की तैनाती होने के कारण उनकी मंशा पूरी नहीं हो पा रही है।