शहडोल में राजश्री की बड़ी खेप पकड़ाई @ मामला सुलझाने कोतवाली पहुँचे जगवानी
(अनिल तिवारी)
शहडोल। कोतवाली पुलिस ने बीती रात बगिया तिराहे के समीप नियमित जांच के दौरान इस गाड़ी को पकड़ा है राजश्री से लदी गाड़ी को पुलिस ने कोतवाली परिसर में लाकर खड़ा कर आया है, गाड़ी में राजश्री गुटखा कहां से आ रहा था और किसके पास जा रहा था या तो जांच का विषय है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राजश्री के कारोबार के खिलाड़ी जो कटनी से लेकर संभाग के तीनों जिलों में 21 टीमें बनाकर अपना काम कर रहे हैं, उनके द्वारा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से राजश्री की खेप भेजी जा रही थी,
जब राशि के कारोबारियों से संपर्क किया गया तो यह बात भी सामने आई कि के साथ उसके भी गाड़ी में मौजूद है लेकिन पूर्व में लगे आरोपों पर ध्यान दिया जाए तो इस तरह के कारोबार में राशि के कारोबारी एक बिल पर कई गाड़ियों का परिवहन करते रहे हैं वस्तू व सेवा कर विभाग तथा आयकर विभाग के अधिकारियों से सेटिंग कर लंबे अरसे से चल रहा है इस मामले में जांच का विषय है कि छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश जाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा जारी की गई 5 की भी आवश्यकता होती है उसे के पास नहीं है इसके अलावा जानकारों का यह भी मानना है कि जब तक पूरी जांच लें तब तक उसे छोड़ना नहीं होगा
कोरोना वायरस के संक्रमण काल के दौरान जहां पूरा देश इस बीमारी से जूझ रहा है केंद्र सरकार ने थूकने तक पर जुर्माने का प्रावधान कर रखा है ऐसी स्थिति में राजश्री के कारोबारी आम लोगों तक पीछे के रास्तों से कोरोना का जहर और संक्रमण को फैलाने की पाउच फैला रहे हैं।
राजश्री की जो खेप को पुलिस ने पकड़ा है उसके पास साक्षी या सक्षम ट्रेडर्स शहडोल के नाम का बिल है,इस संदर्भ में जब हमने शहडोल के मुकेश जगवानी नामक राजश्री के कारोबारी से बात की तो उन्होंने यह बात स्वीकार की कि सछम ट्रेडर्स के नाम पर उनका माल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से यहां आना था,साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी गाड़ी में पक्के बिल आदि मौजूद है,सवाल यह उठता है कि जब गाड़ी में पक्के बिल मौजूद हैं, तो पुलिस ने किस आधार पर गाड़ी को खड़ा करवाया और राजश्री का यदि परिवहन होना ही है तो वह दिन के उजाले में क्यों नहीं किया जा रहा था, रात के अंधेरे में राजश्री को छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर से पार करके शहडोल लाना कहां तक सही है।