शिव की मंशा पर पानी फेर रहे नौकरशाह

मुख्यालय में ही औंधे मुंह पड़ी पीएम आवास योजना
कहीं तीसरी किश्त तो, कहीं स्वीकृति के लिए तरस रहे पात्र
दिव्यांगों सहित बैगा व प्राथमिकता वाले हितग्राही परेशान
शहडोल। हर परिवार को पक्का आवास देने की केन्द्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना संभागीय मुख्यालय में तो, औंधे मुंह गिर चुकी है, हालाकि नवम्बर 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी की नगर सरकार बनी थी, तब से लेकर अब तक पार्टी के ही जिम्मेदार आपस में लड़ते रहे और विकास शहर से कोसो दूर चला गया, आज मुख्यमंत्री शहडोल प्रवास पर हैं, करोड़ों के लोकार्पण और भूमि पूजन के कार्यक्रम लगभग 1 घंटे में करने के बाद मुख्यमंत्री राजधानी को लौट जायेंगे, आज होने वाले कार्यक्रम से पहले रोजगार मेला और प्रधानमंत्री आवास की उपलब्धियों के बखान को लेकर प्रशासनिक मेहनत होती रही, लेकिन जब भी सूबे का मुखिया शहडोल या किसी भी जिले में जाता है तो, स्थानीय लोगों में उनके आगमन को लेकर खुशी और उनसे मिलने वाली सौगात को लेकर हलचल शुरू हो जाती है, संभागीय मुख्यालय के निकाय में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ हर हितग्राही तक पहुंचाने के लिए बीते कई वर्षाे से मशक्कत चल रही है, लेकिन 819 हितग्राहियों की सूची स्वीकृति के कतार में खड़ी है, वहीं दो सैकड़ा से अधिक हितग्राही पीएम आवास योजना की तीसरी किश्त के इंतजार में है। शहर के वार्ड नंबर 17, 25, 01 सहित अन्य कई वार्डाे में सैकड़ा भर से अधिक ऐसे हितग्राही भी हैं, जिन्हें पात्र होने के बाद भी पटवारी और अन्य ने सत्यापन के नाम पर जेब गरम न होने के कारण सूची से बाहर कर दिया। राज एक्सप्रेस ने मामले की पड़ताल की तो, सूरदास से लेकर आदिवासी समाज व अन्य कई निराश्रित मिले, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में सबसे पहला स्थान मिलना था, लेकिन अब उन्होंने या तो खुद को अपात्र मान लिया है या फिर किस्मत के भरोसे छोड़ दिया है।
यह हैं शासन के आदेश
2 जून 2020 को संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के मुखिया के द्वारा विभागीय पत्र क्रमांक 5069 के माध्यम से प्रदेश के समस्त निकाय प्रमुखों को यह अवगत कराया गया था कि ऐसे हितग्राही जो संबंधित आबादी क्षेत्र में पूर्व से निवासरत हैं एवं नगरीय निकाय को नियमित संपत्ति कर का भुगतान कर रहे हैं, किन्तु उनके पास भूमि स्वामित्व संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, उस स्थिति में सभी हितग्राहियों को भी योजना के बीएलसी घटक हेतु पात्र किये जाने की स्वीकृति दी जाती है, यही नहीं ऐसे हितग्राही जिनके पास विक्रय पत्र या दान पत्र का नोटरी दस्तावेज उपलब्ध है, तथा विगत 5 वर्षाे से उस स्थल पर निवासरत हैं व भूमि स्वामित्व संबंधी कोई विवाद नहीं है, उन्हें इस योजना में शामिल किया जा सकता है।
यह हो रहा अकेले शहडोल में
मध्यप्रदेश में शहडोल ही शायद अकेला ऐसा जिला है, जिसमें स्थानीय निकाय के द्वारा शासन की गाइड लाईन के अनुरूप प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले शामिल किया गया, समस्त दस्तावेज ले लिये गये, सूची में उनका नाम भी आ गया, लेकिन बाद में पटवारी व अन्य के माध्यम से इनका सत्यापन कराया जा रहा है, जमीनी स्तर पर पटवारी व अन्य सूची में नाम कटने या रखने के नाम पर रिश्वत मांग रहे हैं और मांग पूरी न होने पर नाम ठण्डे बस्ते में डाल दिये जा रहे हैं। बीते कई माहों से 819 हितग्राहियों की सूची इसी मनमानी का नतीजा है।
सबसे बुरे वार्ड नंबर 1-17 व 25
शहर के नये वार्ड नंबर 17, 25 और 1 में ऐसे हितग्राहियों की लंबी सूची है, जिन्हें नपा व राजस्व कर्मियों की मनमानी का दंश झेलना पड़ रहा है, मुख्यमंत्री के आज आगमन को लेकर जब इसकी पड़ताल की गई तो, दर्जनों ने सूबे के मुखिया से इस संदर्भ में न्याय की गुहार लगाई है, अकेले वार्ड नंबर 1 में दर्जन से अधिक हितग्राही सामने आये, वहीं वार्ड नंबर 17 में तो, सूरदास सहित रेखा पटेल, दुअसिया बाई, राजेश जैसे कई लोग सामने आये। जिन्हें पात्र होने के बाद भी किनारे कर दिया गया।