श्री गुरु तेग बहादुर जी का मनाया शहीदी पर्व

शहडोल। सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी पर्व रविवार को गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में मनाया गया। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में श्री गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है। गुरु तेग बहादुर जी को हिन्द की चादर भी कहा जाता है। मुस्लिम धर्म स्वीकार ना करने के कारण 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली के चाँदनी चैक में शहीद करवा दिया था। आज उस स्थान पर गुरुद्वारा शीशगंज साहिब बना हुआ है। शहीदी पर्व पर गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में सुबह 9 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ साहिब की समाप्ति हुई। कथा वाचक भाई प्रीतम सिंह द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया की मुुस्लिम धर्म स्वीकार न करने के कारण श्री गुरु तेग बहादुर जी को किस तरह शहीद किया गया। पंजाब जलंधर के दसुआ से आये ज्ञानी बहादुर सिंह एवं साथियो ने श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा कही गई बानी का कीर्तन किया, उपरांत गुरु घर हजूरी रागी ज्ञानी धर्म सिंह एवं ज्ञानी दरबार सिंह द्वारा कीर्तन किया गया ,अरदास के उपरांत गुरु का लंगर बटवाया गया।

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