सचिव पर लगे अपात्रों को लाभ पहुंचाने के आरोप
कलेक्टर सहित सीएम हेल्पलाईन भी जनप्रतिनिधियों को नहीं दिला पा रहा न्याय
(रामनारायण पाण्डेय+91 99938 11045 )
जयसिंहनगर। एक ओर जहां प्रदेश सरकार पंचायतों में स्वीकृति के बाद भी काम तब तक शुरू नहीं करने के आदेश दिये हैं, जब तक कि भौतिक सत्यापन नहीं हो जाता, साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ऐसे सभी कामों को शुरू करने पर रोक लगा दी है, सूत्रों की माने तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने खुद माना है कि पंचायतों में कई ऐसे काम हुए जो कागजों पर तो हुए लेकिन जमीनी हकीकत में हैं ही नहीं, वहीं जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत छूदा में अलग ही मामला सामने आ रहा है, यहां विभाग के जिम्मेदारों ने नियम न होने के बावजूद छूदा अंतर्गत आने वाले ग्राम बहेरहा के मूल निवासी को ही ग्राम पंचायत के सचिव पद पर पदस्थ कर दिया, मजे की बात तो यह है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत 14 मार्च 2019 को कलेक्टर कार्यालय में दी, लेकिन आज तक इस शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया।
नहीं आते पंचायत भवन
ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच सहित लगभग पंचायतों के हस्ताक्षर के साथ कलेक्टर को दी गई शिकायत में उल्लेख किया गया था कि रामसरोज सिंह पिता रामसोपित सिंह स्थानीय निवासी होकर ग्राम पंचायत के शासकीय कार्याे में व्यवधान डालते हुए मनमानी कार्य कर सरपं, उपसरपंच व ग्रामीणों की बात नहीं सुनते हैं। इसके अलावा पंचायत की मासिक बैठक भी नहीं बुलाते तथा सरपंच के निवेदन पर भी ग्राम पंचायत भवन नहीं आते, साथ ही फर्जी तरीके से कार्यवाही रजिस्टर में लिख कर पूर्ण कर लेते हैं।
अपात्रों को पहुंचाया लाभ
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सचिव पर आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी कि सचिव द्वारा शासकीय योजनाओं के लाभ पात्रों को व्यक्तिगत विद्वेष के कारण वंचित कर अपात्र व्यक्तियों को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है, उक्त संबंध में यदि सरपंच-उपसरपंच आपत्ति उठाते हैं तो सचिव द्वारा धमकी दी जाती है कि मैं सचिव हूं पंचायत द्वारा हितग्राहियों को लाभ अपने इच्छानुसार दूंगा, तुम्हे जो करना हो करते रहना मुझे कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है।
जनपद में होता पक्षपात
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि सचिव द्वारा किए जा रहे मनमानी की शिकायत कई बार जनपद में बैठे अधिकारियों से भी की गई, लेकिन जनपद पंचायत के कर्मचारियों से जांच तो कराया गया, लेकिन जनपद की कार्यवाही पक्षपात पूर्ण जांच कर सचिव द्वारा किए गए अवैध कृत्यों पर पर्दा डाल कर बचाने का प्रयास किया गया, जिससे ग्रामीणों का न्याय पर से विश्वास समाप्त होता जा रहा है, स्थानीय लोगों ने कार्यवाही न होने पर शासन-प्रशासन को भूख-हड़ताल करने को लेकर भी अवगत कराया है।