सड़कों के पैंच वर्क में बना जुगाड़ का पेंच

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लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों ने छानी मलाई
जांच हुई तो चौंकाने वाले रहस्य आयेंगे सामने
जल्द ही राजधानी से भेजी जाएगी टीम

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। प्रदेश के मुखिया कमलनाथ एवं लोक निर्माण विभाग के मंत्री ने प्रदेश की सड़कों के लिये गड्ढा मुक्त होने का निर्देश जारी किया। जैसे ही मंत्री ने गड्ढा मुक्त सड़कों का निर्देश जारी किया और इसके लिये फण्ड की व्यवस्था की गई तो कुछ अधिकारियों के चेहरे खिल उठे, लोक निर्माण विभाग में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के राज में जिस तरह से लोक निर्माण विभाग को खोखला करने का काम शुरू है वह चांैकाने वाला है। खुलकर अनियमितताओं का जो खेल खेला गया उसमें अब तक प्रशासन ने नजर तो नहीं डाली है, लेकिन जिस दिन प्याज के छिलके की तरह पूरी परत खुलेगी उस दिन विभाग में किस-किस पर गाज गिरेगी यह देखते ही बनेगा। हाल ही में पूरे जिले में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिये पेंच वर्क के टेण्डर भी लगे, ठेकेदारों ने भी काम किया और विभागीय स्तर पर भी विभाग ने काम करवाये। लेकिन पैंच वर्क विभाग के पेंच में फंस गया। विभाग के जिम्मेदार लोग इस पैंच वर्क में भी डुबकी लगाने से नहीं चूके और निर्माण कार्य की गुणवत्ता सवालों के घेरे में उलझ गई।


मनमाना खेला-खेल
कई सड़कों में विभागीय स्तर पर भी पैंच वर्क के कार्य किये गये। लेकिन विभाग की मनमानी का खुल्ल खुल्ला खेल विभागीय कार्यों में भी देखने को मिला। दोनो ही सब डिवीजन में एक ही एसडीओ को प्रभार देने के बाद जिस तरह का मनमाना खेल कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी ने खेला वह चौंकाने वाला रहा। आंख मूंदकर खेले गये इस खेल मे अगर जंाच की गई तो चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आयेंगे। विभागीयतौर पर भी पैंच वर्क का काम कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी के निर्देश पर किया गया। रामपुर से बकहो में पैंच वर्क का कार्य किया गया और यह पैंच वर्क का कार्य विभागीय तौर पर किया गया। जिसमें स्टोर से डामल भी दिया गया एवं परमानेंट गैंग के मजदूरों द्वारा इस सड़क का निर्माण किया गया। जिसमें कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी ने पूरी मुहर भी लगाई। पर सवाल यह उठता है कि विभागीयतौर पर किये गये इस कार्य में किस तथा कथित ठेकेदार के नाम से बिल बनाकर भुगतान कर दिया गया। अगर एक अधिकारी इस मामले में दोषी था तो उपयंत्री एवं एसडीओ ने इस मामले में अपने आपको मौन क्यों रखा। इस मामले की तह तक अगर जाया गया तो चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आयेंगें।
करोड़ों का काम
कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत दो सब डिवीजन शहडोल एवं ब्यौहारी में एक ही अनुविभागीय अधिकारी वर्षा मिश्रा को प्रभार दिया गया है। दोनो ही अनुभागों में पैंच वर्क के कार्यों को लेकर टेंण्डर की प्रक्रिया पूरी की गई जिसमें ब्यौहारी से बनसुकली, गोपालपुर से चरका एवं और भी कई सड़कें ब्यौहारी में पैंच वर्क के नाम पर स्वीकृत की गई। लगभग डेढ़ से दो करोड़ रूपये का पैंच वर्क का कार्य अनुविभागीय अधिकारी वर्षा मिश्रा के नेतृत्व में ब्यौहारी में तो किया ही गया, शहडोल में भी कई पैंच वर्क के कार्य हुये। चुहिरी तथा रामपुर आदि के कार्य किये गये और लगभग 1 करोड़ से ऊपर का काम शहडोल में भी किया गया।
पहले से ही निर्धारित थे ठेकेदार
जिले में लगभग 12 से 15 सड़कें ऐसी हैं जिनको पैंच वर्क के लिये स्वीकृत किया गया और बाकायदे अपने पंसदीदा ठेकेदारों को टेंण्डर दिलाकर निर्माण कार्य भी करवाया गया। जिसमें घटिया डामल का इस्तेमाल तो किया ही गया। जिस तरह के पैंच वर्क का किया गया है वह डामल के लेप के अलावा कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा। रामपुर से बकहो एवं ब्यौहारी से बनसुकली मार्ग पर किये गये पैंच वर्क, गोपालपुर से चरका इसके जीवंत उदाहरण हैं। यूंतो तकनीकी रूप से दक्ष अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री ने अगर अपने आपको पाकसाफ रखा है तो उपयंत्रियों ने ठेकेदारों के कार्यों पर नजर क्यों नहीं रखी और वही थिगड़े उखडऩे लगे हैं, बल्कि विभागीय तौर पर किये गये कार्यों में रामपुर से बकहो की जो सड़क पैंच वर्क में अभी हाल ही में की गई है वह भी गुणवत्ता की कहानी कह रही है। आज भी यह सड़क या तो साईड से उखड़ी हुई है, या फिर बीच में गड्ढे भरे ही नहीं गये और कई जगह तो सड़कों ने दरार छोड़ रखी है जो जल्द ही अंतिम अपनी सांस भी तोड़ देगी। भुगतान को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि जिन कार्यों को ठेकेदारों ने किया ही नहीं गया है और विभागीय स्तर पर किये गये हैं उन कार्यों को ठेकेदारों के खाते में चढ़ाकर भुगतान कैसे कर दिया गया।
भोपाल तक पहुंची शिकायत
सूत्रों की अगर मानें तो जिले में जितने भी पैंच वर्क हुये हैं, चाहे वो ब्यौहारी सबडिवीजन का हो या फिर शहडोल सबडिवीजन के। इन सारी सड़कों की वास्तविकता सीटीई तक भी पहुंची है। सीटीई ने इस मामले में कितना संज्ञान लिया है और कितना नहीं यह तो भविष्य तय करेगा लेकिन ईएनसी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुये जांच के फरमान भी जारी किये हैं। हालांकि जांच में आंच लगाने की तैयारी विभाग करने के लिये कमर कस लिया है पर मौके पर किये गये पैंच वर्क दिये गये स्टीमेट के अनुसार हुये हैं या नहीं यह तो जांच में ही सामने आयेगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि शहडोल के संभागायुक्त ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है। पर जांच के बाद क्या कार्यवाही होगी यह देखने योग्य होगा।
पहले भी हुई मनमानी
2018 नवम्बर में हुये विधानसभा चुनाव एवं 2019 में हुये लोकसभा चुनाव में शहडोल में पॉलीटेक्रिक कॉलेज में जिस ठेकेदार को चुनाव से संबंधित ठेका दिया गया था वह ठेका भी सवालों के घेरे में है। अगर उस मामले की जांच भी की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आयेंगें। रसमोहनी से बनाई जा रही एक सड़क जो आज भी अधूरी है और जिस पर एसी ने कटर लगाने के निर्देश भी दिये थे उन सारे मामलों पर पर्दा डला हुआ है। लोक निर्माण विभाग की काली करतूतों का पूरा चि_ा जल्द ही अगर खुला तो अब तक किये गये वारे न्यारे का सच पूरा सामने होगा।

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