हत्या जुर्म में प्राकृतिक मृत्यु तक का आजीवन कारावास

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(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। बुढार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने धारा 302, 394 भा.द.वि. आपराधिक प्रकरण में अभियुक्त नारू बैंगा निवासी कदम टोला बुढार को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कारावास ;प्राकृतिक मृत्युद्ध एवं 200 रूपये अर्थदण्ड, धारा 394 आईपीसी में 10 वर्ष का कारावास एवं 200 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। प्रकरण शासन द्वारा जघन्य, सनसनीखेज की श्रेणी में रखा गया था, उक्त प्रकरण की पैरवी अतिरिक्त डी.पी.ओ. राजकुमार रावत द्वारा की गई।
यह था मामला
रमिया बैंगा पति दुदुन निवासी कटकोना, थाना बुढार में मौखिक सूचना दी की, आज शाम को 4:30 बजे उसका पति बस्ती तरफ से घर आ कर बताया की, दमोदर शर्मा के साथ बरारी बैंगा के घर तरफ से निकल रहे थे , तभी बरारी बैंगा के घर पास रोड में नारू बैंगा पिता शंकारिया बैंगा निवासी कटकोना और राजू उर्फ राजेश बैंगा पिता भदऊ बैंगा आपस में बातचीत कर रहे थे। नारू बैंगा, राजू को कहने लगा कि, तुम मेरी भाभी के पास सूने घर में क्यों आते हो। राजू बोला की तुम मेरे ऊपर शंका की बात पर गलत इलजाम लगा रहे हो। तभी नारू बैंगा, बरारी के घर से खाट का पाया लेकर राजू को मार डालने की नीयत से खाट के पाये से सीर पर मार के चोट पहुंचाई। पति के बताने पर वह भी बरारी के घर गई और देखी। तब 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाया, फिर राजू को बुढार अस्पताल ले गये, जहां उपचार दौरान राजू बैंगा की मृत्यु हो गई। थाना बुढार में अभियुक्त नारू बैंगा के विरूद्ध धारा 302, 394 के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर, विवेचनापरांत अभियोग पत्र बुढार न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।

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