हाथियों के मूवमेंट के बाद आधी रात को तय होगा खितौली गेट का भविष्य
झारखण्ड से आये हाथियों के झुण्ड के कारण बदला गया पर्यटकों का मार्ग
उमरिया। टाईगर रिजर्व बांधवगढ़ जोन में झारखण्ड से आये हाथियों के झुण्ड और उनके मूवमेंट ने पार्क के तय मार्गो में खलल पैदा कर दिया है, जिन मार्गो से पर्यटकों से भ्रमण कराया जाता था, वहां हाथियों के मूवमेंट के कारण नये रास्ते बनाये गये हैं, वहीं खितौली कोर जोन में हाथियों के मूवमेंट देखने के बाद उस तरफ के गेट को बंद कर दिया गया, सिर्फ ताला और मगधी जोन के गेटों को फिलहाल खोलकर रखा गया है, पार्क से जुड़े सूत्रों की माने तो हाथियों के मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा रही है, यदि हाथियों के मूवमेंट में बदलाव होता है तो खितौली का गेट खोला जायेगा, अन्यथा दो ही गेट फिलहाल खुले रहेंगे।
38 हाथियों का मूवमेंट
जिले के टाईगर रिजर्व बांधवगढ़ व उसके आस-पास पिछले एक साल से डेरा जमाये झारखंडी हाथियों ने एक बार फिर बांधवगढ के पर्यटन जोन में दस्तक देकर पर्यटन को प्रभावित किया है, तकरीबन 38 छोटे-बड़े हाथियों का झुंड इन दिनों पार्क के मगधी,खितौली और धमोखर रेंज के जंगलों में घूम रहा है, लिहाजा पार्क प्रबंधन ने एहतियातन पार्क के मगधी और खितौली गेट बंद कर दिया और पर्यटकों को घूमने के लिए दूसरे इलाके में भेजा गया।
बदले गये सैलानियों के मार्ग
हाथियों के झुंड की दस्तक से कई बार बांधवगढ़ जाने वाले मार्ग में यातायात भी प्रभावित रहा और लोगो को खासी परेशानी उठानी पड़ी,गौरतलब है कि पिछले साल भी हाथियों के दस्तक देते ही कई दिनों तक पर्यटन को रोकना पड़ा था और देश विदेश से आने वाले सैलानियों को पसंदीदा सफारी से वंचित होना पड़ा था,उसके बाद से जंगली हाथियों का झुंड लगातार आसपास के जंगलों में घूम रहा है और कभी भी बांधवगढ के पर्यटन जोन में भी दस्तक दे देता है, पार्क प्रबंधन ने पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर न सिर्फ हाथियों पर निगरानी बनाये हुए है , बल्कि पर्यटक जोन में हाथियों के घुसते ही पर्यटन रोकने और पर्यटकों को पार्क के दूसरे सुरक्षित क्षेत्र में भ्रमण के इंतजाम करने में मुस्तैदी बनाये हुए है, बहरहाल हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है और प्रबंधन निगरानी में जुटा है, लेकिन ये सिलसिला जारी रहने से बाघो के साथ हाथियों की टकराहट जैसी नई समस्या से इंकार नही किया जा सकता ।