108 में जन्मा नवजात: धरती के भगवानों ने दिया नवजीवन

कोल दंपत्ति के लिए 108 के चिकित्सक बने मसीहा
(शंभू यादव +91 98265 50631)
शहडोल। आदिवासी ग्राम चरका में रहने वाले कोल दंपत्ति के लिए 108 की व्यवस्था और उसमें पदस्थ चिकित्सक वरदान बनकर आये, यही नहीं शहडोल से ब्यौहारी गई 108 का वहां से खाली होकर वापिस आना भी किसी चमत्कार से कम नहीं था। घटना ब्यौहारी विकास खण्ड के ग्राम चरका की है, जहां रहने वाली प्रसूता श्रीमती उर्मिला कोल पति अमित कोल को प्रसव पीड़ा के बाद 108 की सुविधा और उसी वाहन में डिलेवरी होना ईश्वरीय वरदान की तरह मिला।
108 में हुआ प्रसव
प्रसव पीड़ा होने पर श्रीमती उर्मिला कोल के परिजनों ने 108 डॉयल किया, आस-पास कोई 108 की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन शहडोल से मरीज लेकर रीवा गई 108 जिसे पॉयलेट देवेन्द्र जोशी चला रहे थे, डॉक्टर आशीष सिंह बतौर चिकित्सक साथ में थे, उन्हें ब्यौहारी के ग्राम चरका का प्वाइंट मिला और उन्होंने लौटते समय प्रसूता को अटेंड भी कर लिया, लेकिन प्रसूता को थोड़ा आगे ले जाने के बाद ही प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ी की प्रसूता के परिजनों और 108 के जिम्मेदारों को पसीने आ गये, लेकिन डॉक्टर आशीष सिंह ने अपना कर्तव्य निभाते हुए 108 वाहन को मुख्य मार्ग से किनारे खड़ा करवाया और वोल्हरा नामक स्थान पर गुरूवार की शाम करीब 6 से 7 बजे सुरक्षित प्रसव कराया।
भगवान बनकर आई 108
108 की व्यवस्था पर भले ही मनमानी के कितने आरोप क्यों न लगते हों, लेकिन शहडोल जिले में बीते कुछ माहों के दौरान यह दूसरा मौका हैं, जब 108 के कुशल जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। कोल दंपत्ति ने पॉयलट देवेन्द्र जोशी और डॉक्टर आशीष सिंह को साधूवाद देते हुए कहा कि जब वे जीने की आशा और नये मेहमान की आने की आस लगभग छोड़ रहे थे, उसी दौरान देवेन्द्र और आशीष भगवान का दूत बनकर उन्हें इस समस्या से उबार दिया।