18 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
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अनूपपुर। जिले सहित माननीय न्यायालय तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम सहित वर्ष 2019 में 13 प्रकरणों के 18 आरोपियों को
न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, वहीं अन्य 13 प्रकरणों के 20 आरोपियों को 10 वर्ष अधिक का कारावास तथा 11 प्रकरणों के 16 आरोपियों को 05 वर्ष से अधिक के कारावास से दण्डित कराने में जिला अभियोजन अनूपपुर ने सफलता प्राप्त की है। जिला मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने वर्ष 2019 में निराकृत प्रकरणों के आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में स्थित जिला न्यायालय और तहसील कोतमा व राजेन्द्रग्राम में स्थित अपर सत्र न्यायाधीश के न्ययालयों द्वारा गत वर्ष हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में 18 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुईं। उन्होंने गत वर्ष के तुलनात्मक आंकडे प्रस्तुत करते हुए वर्ष 2017 में मृत्युदण्ड के लिए शून्य, आजीवन कारावास के लिए 14, 10 वर्ष या उससे अधिक के लिए 9 एवं 5 वर्ष या उससे अधिक के लिए 5, इसी तरह वर्ष 2018 में आजीवन कारावास के लिए 18, 10 वर्ष या उससे अधिक के लिए 12 एवं 5 वर्ष या उससे अधिक के लिए 7 के साथ ही वर्ष 2019 में आजीवन कारावास के लिए 18, 10 वर्ष या उससे अधिक के लिए 20 एवं 5 वर्ष या उससे अधिक के लिए 16 प्रकरण निर्णित हुए।वर्ष का सबसे चर्चित मामलावर्ष 2019 का सबसे चर्चित मामला माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर द्वारा 29 नवबंर 2019 को निर्णित हुआ, जिसमें सभी चार आरोपियों दुर्योधन उर्फ नन्दउआ केवट, रामखेलावन उर्फ दउआ केवट, वीरेन्द्र लाल उर्फ लल्लू केवट तथा दिनेश कुमार उर्फ नानभईया केवट सभी निवासी ग्राम चपानी था कोतमा जिला अनूपपुर को आजीवन करावास हुआ। प्रकरण पुलिस थाना भालूमाड़ा के अपराध क्र. 152/17 का होकर चिन्हित व सनसनीखेज था, इस प्रकरण में 18 जनू 2017 को मृतक लाला सिंह गोंड, बबलू महरा के साथ कोतमा बाजार गया था और सायकल से वे दोनों ग्राम लतार जा रहे थे, लगभग 04 बजे कुशियरा फाटक पार करने के बाद अभियुक्तगण रामलखन एवं वीरेन्द्रलाल मोटरसायकल से आये और मृतक की साईकिल में टक्कर मार दिये, जिससे मृतक गिर गया तब अभियुक्तगण लाठी, डंडा से मारपीट करने लगे, तब पीछे से अभियुक्तगण दुर्योधन एवं दिनेश भी मारपीट करने लगे और बबलू महरा के साथ भी मारपीट कर जान से मारने की धमकी दिये और मृतक की लाश को हत्या करने के बाद रेल्वे ट्रेक पर डाल दिये।
एप्स से देंगे कार्यो का विवरण
जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी से इस संबंध में बात की गई तो इस संबंध में उनका कहना था कि अभियोजन अधिकारियों पर नियंत्रण तथा पर्यवेक्षण हेतु प्रॉसीक्यूशन एप्प नामक एक नया सिस्टम विकसित किया है, जिसके माध्यम से प्रतिदिन प्रत्येक अभियोजन अधिकारी को प्रतिदिन न्यायालयों में किये गए कार्यों का विवरण देना होता है, जिसके आधार पर संचालक द्वारा प्रतिदिन अभियोजन अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाती है, इससे सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में सजायाबी के प्रतिशत में वृद्धि हुई है। सजायाबी को बढ़ाने हेतु संचालक द्वारा कई और अन्य उपाय किये गए हैं, जिनमें उक्त एप्प के आधार पर सम्पूर्ण मध्य प्रदेश राज्य से सर्वश्रेष्ठ 03 लोक अभियोजक और प्रत्येक जिले में 01 लोक अभियोजक को जिले का सर्वश्रेष्ठ लोक अभियोजक घोषित किया जाता है।