18 दिन की ‘‘अपराजिता’’ ने किया दो नैनो को रोशन

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प्रदेश में इतनी काम आयु में नेत्रदान का पहला मामला

(अनिल तिवारी)

शहडोल। एक प्यारी सी नन्ही ‘‘अपराजिता’’ ने अपने 18 दिन के जीवन में यह दिखा दिया की वह सबसे बहादुर है और उसके जैसा कोई नहीं। जन्म के बाद आहार नली नहीं विकसित नहीं होने के कारण ‘‘अपराजिता’’ का ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के के 10 दिन के बाद उसकी मृत्यु हो गई, लेकिन मृत्यु के बाद भी वह दो लोगो को आंखों की ज्योति बनकर सदा जीवित रहेगी और इस सपने को पूरा करने के लिए नन्ही ‘‘अपराजिता’’ के माता-पिता ने स्वयं को सम्हालते हुए अपनी बेटी के नेत्रदान करने का फैसला किया।
बेटी की आंखों से दो नैन रोशन
जिले के पुरानी बस्ती निवासी और मूल निवासी शाहपुर पिता धीरज गुप्ता और मां राजश्री कुमारी ने कहा-बेटी तो नहीं रही, लेकिन अब दो लोग मेरी बेटी की आंखों से दुनिया देख रहे हैं, जिनकी आंखों की रोशनी चली जाती है, वे कल्पना करना भी छोड़ देते हैं कि दोबारा दुनिया देख सकेंगे। लेकिन नेत्रहीन भी देख सकें इसके लिए ‘‘अपराजिता’’ के माता-पिता ने अपनी 18 दिन की पहली संतान अपराजिता की मौत के बाद भी उसे जिंदा रखा है। पिता धीरज गुप्ता और मां राजश्री कुमारी की 18 दिन की बेटी की मौत आहार नली के विकसित नहीं होने से इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में हो गई थी। जिसके तुरंत बाद माता-पिता ने नेत्रदान का फैसला लिया।
दो देख रहे दुनिया
‘‘अपराजिता’’ के माता-पिता ने कश्यप आई हॉस्पिटल से संपर्क किया और सूचना मिलते ही तुरंत अस्पताल से टीम पहुंची और बच्ची का कॉर्निया रिट्रिव किया और उसे आई बैंक में सुरक्षित रखा गया। इसके महज दूसरे या तीसरे दिन ही दो लोगों में कॉर्निया को ट्रांसप्लांट किया गया। अब दो लोग हमारी बेटी की आंखों से दुनिया देख रहे हैं। डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि देश भर में टॉप-5 यंगेस्ट डोनर के रूप में ‘‘अपराजिता’’ का नाम शामिल है। आंकड़े के अनुसार, देश भर में प्रत्येक 100 लोगों में सिर्फ 3 को ही कॉर्निया मिल पाता है।
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आंखें जिंदा रहे यह सोचकर किया नेत्रदान
‘‘अपराजिता’’ के माता-पिता राजश्री कुमारी और धीरज गुप्ता ने बताया कि बेटी के जन्म के बाद सिर्फ उसकी प्यारी आंखें दिखाई दे रही थी। यह जानकारी थी कि मौत के कुछ ही घंटों के भीतर नेत्रदान का फैसला लिया जा सकता है, इसके बाद नेत्रदान की इच्छा जताई। डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि नेत्रदान पखवाड़ा में राज्यपाल रमेश बैस और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शामिल होंगे। कहा कि ‘‘अपराजिता’’ की मौत के बाद खुद को संभालते हुए नेत्रदान का फैसला लेना बड़ी बात है। इस महान दान के कारण 18 दिन की ‘‘अपराजिता’’ की मां राजश्री व पिता धीरज गुप्ता को राज्यपाल द्वारा 31 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा।

 

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