1912 भी नही कर पा रहा बिजली उपभोगताओं के समस्या का समाधान…!

(Narad#9826550631)
शहडोल। मनमाने बिल ने शहर भर नही पूरे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का जीना दुस्वार कर दिया है। एक तो कॅरोना की मार में घर चलाना मुश्किल हो गया वही बिजली विभाग के मनमाने बिल ने दोहरी मार की है बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाते लगाते आदमी थक हार गया है। वही 1912 भी घूम फिर कर अपनी गेंद स्थानीय विभाग के पाले में डाल दिया है।
हर माह देते बिल तो न बढ़ता बोझ
एक और कोरोना महामारी के चलते लोग काफी परेशान चल रहे हैं वही उनकी आर्थिक स्थिति भी काफी हद तक खराब हो चुकी है इस पर भी बिजली विभाग ने आम आदमियों के ऊपर मनमाने बिल की बिजली गिरा दी है जिसके चलते आदमी अच्छा खासा परेशान हो चुका है वही लोगों का कहना है कि यदि विभाग हर माह बिल देता तो यह रिकॉर्ड तोड़ बिल के बोझ से निजात मिलती लेकिन ऐसा नही हुआ और हुआ वही जो विभाग ने चाहा।अब ऐसी स्थिति में क्या खाएं की बिजली बिल भरे…
घोषणा वीर है शिवराज सरकार
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह ने कहा कि सत्ता आते ही सरकार ने अपने रंग दिखाना शुरू कर दी है।जब कि हमारी कांग्रेस सरकार में 100 यूनिट तक के बिल 100 रुपये ही आते है।ऐसे में उपभोगताओं को मौजूदा सरकार के आस्वासन से विश्वास उठता दिख रहा है। विगत माह बिजली विभाग के द्वारा व्यक्तियों को मनमाना बिजली बिल दे दिया गया है जिसके चलते सरकार ने भी आश्वासन दिया था कि 3 माह का बिजली बिल माफ किया जाएगा यदि 3 माह का बिजली बिल माफ कर दिया गया है तो फिर यह बिजली का बिल जो कि बढ़ा चढ़ाकर विद्युत विभाग द्वारा दिया जा रहा है उसे क्या कहेंगे इससे यह सिद्ध होता है कि शासन के द्वारा जो आश्वासन जनता को दिया गया था वह एक भ्रम था एक मायाजाल था।या सरकार की वादाखिलाफी भी यह कह सकते है।
100 की जगह 2000 का बिल
उपभोक्ताओं का कहना है कि कमलनाथ सरकार द्वारा इंदिरा ग्रह ज्योति योजना चलाई गई थी जिसमें 150 यूनिट तक का बिल ₹200 आ रहा था वही 100 यूनिट तक की खपत होने पर ₹100 लिया जा रहा था इसके ऊपर की जो राशि होती थी वह बिल में लिखी रहती थी इस राशि को राज्य सरकार की सब्सिडी के रूप में दिया जाता था यह सिलसिला फरवरी 2020 तक चला इसके पश्चात लॉक डाउन लग गया लेकिन अप्रैल व मई माह में जो भी बिल आये हैं वह किसी की परिस्थिति में न्याय संगत नहीं माने जा सकते क्योंकि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसका बिल 2000 से ₹5000 के बीच ना आया हो। वही बाद में आये जून माह में बिल आधा करना कहा तक सही है। जिस घर मे 100 रुपये बिल आते थे उन्हें 2000 करना फिर आधा करना कहा तक जायज है।यह एक सोचनीय पहलू है।
1912 की माया में उलझे उपभोगता
विद्युत विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं अत्यधिक बिल को लेकर आम नागरिक बहुत ही परेशान हैं अब इन परिस्थितियों में इन नागरिक की सुने तो कौन सुने थक हार कर लोगों ने 1912 नामक एक हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कराई जहां हेल्पलाइन में समस्या तो बहुत प्रेम से सुनी गई लेकिन इसका निदान स्थानीय बिजली विभाग को सौंप दिया गया जो कि वही बैठे प्रजापति नामक कथित कर्मचारी भी वही राग अलापते रहे की सब कुछ ठीक है। आपकी मीटर रीडिंग भी ठीक है और आपको दिया गया बिल भी। ऐसे में किस बात की हेल्पलाइन जहांं निदान के लिए विभाग की बात माननी पड़े।
मीटर से तेज भाग रहा बिजली का बिल
यहा का जिम्मेदार विभाग अपने किये पर जरा भी शर्मिंदा नही हो रहा है बल्कि अपने किये को शतप्रतिशत सही बता रहा है।लेकिन वर्तमान में आये बिजली बिल में मीटर रीडिंग अप्रैल की प्रज्ञा सिंह दरभंगा चौक स्थित एक दुकान में सर्विस क्रंम. N1308034334 में आये वर्तमान अप्रैल के बिल लिखी रीडिंग 1352 दिख रही है।और मीटर पर चल रही रीडिंग 1170 दिख रही है। अब ऐसे में किस बात पर यकीन किया जाए। यह कौन तय करेगा ।ऐसे कई घर व दुकाने है जहाँ अनाप शनाप बिल भेज कर लोगों की मानसिक स्थिति को बिगाड़ने का काम बिजली विभाग कर रहा है।