भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 20वां राज्य सम्मलेन संपन्न

शहडोल। नागरिकों के अधिकारों व विरोध करने के लोकतांत्रिक हक़ को कुचलने के लिए मध्यप्रदेश सरकार धारा 144 को एक अस्त्र की तरह इस्तेमाल कर रही है, इस मामले को कोर्ट में चुनौती देने की बात करते हुए, इसे असंवैधानिक बताने के साथ ही सत्ता के दुरूपयोग को रेखांकित करते हुए पार्टी सदस्यों को हर तरह के जुल्म, भ्रष्टाचार, शोषण के लामबंद होने की बात की गई, यह बात शहडोल में चल रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 20वें राज्य सम्मलेन के दूसरे दिन राज्य सचिव कॉमरेड अरविंद श्रीवास्तव ने कही। सम्मलेन के दूसरे दिन राज्य सचिव द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों से आये पार्टी के सदस्यों ने अपनी बात रखते हुए सुझाव भी रखे, इसी बात पर कॉमरेड हरिद्वार ने पार्टी सदस्यों को आलोचना करने के साथ ही खुद के द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करने की बात कही, अपने-अपने क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ पार्टी सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए जिला सचिवों का आह्वान किया व सक्रियता पर जोर दिया।
एटक के राज्य सचिव कॉमरेड अजीत जैन ने पार्टी से जुड़े सभी संगठनों को फंड जुटाने व संगठन मजबूत करने की बात कही, उन्होंने कहा कि हम सीमित संसाधनों में पार्टी चला रहे हैं और इसके लिए भी फंड की जरूरत होती है, हमें मजदूरों, मजलूमों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए फंड जुटाने पर भी ध्यान देने की बात कही, ताकि पार्टी का काम सुचारू रूप से चलता रहे। इसी क्रम में इंदौर जिला सचिव मनोहर लिम्बोदिया ने कहा कि हम लगातार गरीबों के अधिकारों को लेकर संघर्षरत रहते हैं, मंहगाई, बेरोजगारी को लेकर लगातार नए सिरे से काम करने की बात कही।
यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष मनोहर ने पार्टी में नौजवानों व छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर एक मजबूत ढांचा विकसित करने की बात कही। किसान सभा के नेता प्रह्लाद बैरागी ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए किसान संगठनों को मजबूत करने की बात कही, कॉमरेड जनक राठौर ने प्रतिवेदन को लेकर अपनी सहमती व्यक्त करते हुए पूर्व में तय किये गए लक्ष्यों को पूरा ना कर पाने को लेकर सही रणनीति अपनाने को लेकर विचार करने पर बल दिया। गृह मंडल सचिव सत्यम पण्डे ने कार्यकर्ताओं को लगन व प्रतिबद्धता के साथ ही वैचारिक धरातल पर मजबूती के साथ काम करने की बात कही।
प्रलेस सचिव शैलेन्द्र शैली ने फासीवादी ताकतों के विरोध में लेखकों, कवियों व संस्कृति कर्मियों के योगदान को रेखांकित करते हुए पार्टी सदस्यों को साहित्यकारों के साथ जुड़कर कार्य करने पर बल दिया, संस्कृतिकर्मी सचिन श्रीवास्तव के साथ ही दूसरे पार्टी सदस्यों ने वैचारिक प्रशिक्षण पर बल दिया, सचिन ने मध्यप्रदेश राज्य में इप्टा के कार्यकलापों का ब्यौरा प्रस्तुत करने के साथ ही आगामी सांस्कृतिक यात्रा की जानकारी दी। पार्टी सह सचिव गौतम शर्मा, कैलाश नारायण कुशवाहा, राम सरोज कुशवाहा, महिला फेडरेशन की सारिका श्रीवास्तव, श्रीकांत, जयंत, अनंत पांडे, राहुल भाईजी सहित कई सदस्यों ने पूंजीवादी व्यवस्था से लोहा लेते हुए एक समाजवादी व न्यायिक समाज के निर्माण के लिए मौजूदा व्यवस्था परिवर्तन के लिए पार्टी को मजबूत करने की बात कही।
मौजूदा सत्र में खेत मजदूर यूनियन, महिला संगठनों के प्रतिनिधि से लेकर मजदूर यूनियन, किसान यूनियन सहित अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे, सभी ने वर्तमान चुनौतियों से निपटने के साथ ही भविष्य को लेकर अपने विचार रखे। पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, चार श्रम संहिताओं को निरस्त कर पुराने श्रम कानूनों को बहाल करने, नागरिकों के प्रतिरोध करने के अधिकार, निजीकरण के खिलाफ सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर प्रस्ताव पारित किये गए।
दिन के दूसरे सत्र में प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव विनीत तिवारी ने संस्कृति और राजनीति विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, सवाल उठाने की संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कही, वर्तमान की सामाजिक व राजनीतिक चुनौती पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता व समाज सुधारक, शहीद आन्दोलनकारी गोविन्द पानसरे के योगदान को रेखांकित किया, इसके साथ ही कुलबर्गी, गौरी लंकेश आदि के योगदान पर बात रखी, सम्मलेन के दूसरे दिन भी राष्ट्रीय सचिव व अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अतुल कुमार अंजान व राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर सहित राज्य भर से आये सैकड़ों की संख्या में पार्टी सदस्य मौजूद रहे।