24 घंटे के अंदर फिर बदले सीएमएचओ व सिविल सर्जन@ बच्चों की मौत की जांच करेगी तीन सदस्यीय टीम

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(अनिल तिवारी/शुभम तिवारी)
शहडोल। सोमवार व मंगलवार के दरमियान कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय शहडोल में हुए 6 बच्चों की असमय मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में शुरू हुई हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है, बुधवार को विभाग के स्वास्थ्य मंत्री और प्रमुख सचिव ने प्रभारी मंत्री के साथ जिला चिकित्सालय का दौरा किया व व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को ही बच्चों की मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय और सिविल सर्जन डॉ. उमेश नामदेव को कार्यमुक्त करने के आदेश दिये थे, प्रभारी कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने इस आदेश के अगले कुछ घंटों में विभागीय पत्र जारी करते हुए दोनों चिकित्सकों को कलेक्टर कार्यालय शहडोल संबंद्ध कर दिया था, साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का जिम्मा डॉ. के.एल. परिहार तथा सिविल सर्जन का जिम्मा डॉ. मुकुंद चतुर्वेदी को दिया था, लेकिन नियुक्त किये गये दोनों नये अधिकारी 24 घंटे तक इस पद पर नहीं रह पाये। स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा आज गुरूवार को जारी आदेश में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल के पद पर उमरिया जिला चिकित्सालय के सीएमएचओ को स्थानांतरित कर उन्हें शहडोल की जिम्मेदारी दी है, डॉ. ओम प्रकाश चौधरी गुरूवार से शहडोल के प्रभारी सीएमएचओ के रूप में कार्य देखेंगे, वहीं जिला चिकित्सालय में पदस्थ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रम सिंह बारिया अब जिला चिकित्सालय के नये सिविल सर्जन बनाये गये हैं। भोपाल से जारी नये आदेशों में खास बात यह भी है कि डॉ. राजेश पाण्डेय और डॉ. उमेश नामदेव जिन्हें बुधवार को प्रभारी कलेक्टर ने कलेक्टर कार्यालय से संबंद्ध किया था, नये आदेश में अब उन्हें कलेक्टर कार्यालय की जगह जिला चिकित्सालय शहडोल में ही रहने के आदेश दिये गये हैं।
मामले की जांच करेगी तीन सदस्यीय टीम

वहीं स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों के बाद बुधवार को ही प्रभारी कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने 6 बच्चों की मौत के मामले में जांच टीम गठित करने के आदेश दिये हैं। जिसके बाद डिप्टी कलेक्टर के.के. पाण्डेय, डॉ. प्राणदा शुक्ला प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष नेत्र रोग, डॉ. नागेन्द्र सिंह प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, सर्जरी विभाग शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल मामले की जांच करेंगे और 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपेगें।

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शहडोल । कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय शहडोल में सोमवार- मंगलवार के दरमियान हुई 6 बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है, इस मामले में जांच करने और निरीक्षण करने के साथ ही मृतक बच्चों के परिजनों से मिलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट शहडोल आ रहे हैं, खबर है कि अभी से कुछ देर बाद तुलसी सिलावट हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचेंगे और उसके बाद जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करेंगे साथ ही बच्चों के परिजनों से मुलाकात करेंगे और पूरे मामले की समीक्षा भी करेंगे ….

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संभाग के सबसे बड़े चिकित्सालय कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय शहडोल के लिए 13 और 14 जनवरी का दिन शायद इतिहास में काले पन्नों में लिखा जाएगा,  साथ ही यहां पदस्थ चिकित्सकों और अन्य स्टाफ के लिए भी यह दिन शायद ही भुलाया जा सकेगा । खबर है कि बीते 12 घंटों के अंदर संभागीय चिकित्सालय में भर्ती छह बच्चों की मौत हुई है, जिसमें से 2 बच्चे बच्चा वार्ड में तथा 4 बच्चों के एसएनसीयू में भर्ती होने की खबर है, हालांकि इस संदर्भ में जब डॉक्टर सुनील से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने न तो अपना सेल फोन उठाया और नहीं व्यक्तिगत मिलने की रुचि दिखाई।

यही नहीं जिला चिकित्सालय के कर्मचारियों से जानकारी चाही तो उन्होंने भी कोई जानकारी देने से मना कर दिया , लेकिन अस्पताल से जुड़े सूत्रों से इस बात की जानकारी मिली है कि बीते 12 घंटे के अंदर यहां छह बच्चों की मौत निमोनिया और लापरवाही से हुई है।

जिन बच्चों के मौत की खबर सामने आई है, उसमें जैतपुर विकासखंड के ग्राम खरला में रहने वाली चैथ कुमारी की मौत 13 जनवरी को 10:50 पर हुई है, चैत कुमारी को उसके पिता बालक कुमार ने यहां भर्ती कराया था। वही एसएनसीयू में दूसरी बच्ची फूलमती सिंह पिता लाल सिंह निवासी जयसिंह नगर विकास खंड ग्राम भटगांव बताया गया है, इसकी भी मौत 7:50 पर होनी बताई गई है , यही नहीं श्याम नारायण कोल पिता नर्बद कौल ग्राम अमिलिहा की मौत भी 3:30 पर होना बताया गया है, sncu में चौथे बच्चे की मौत हुई वह सूरज बैगा पिता संतलाल बैगा निवासी ग्राम पड़मनिया , और 6:00 बजे मौत होना बताया गया है,

इसी तरह बच्चा वार्ड में भर्ती दो अन्य बच्चों की भी मौत होने की जानकारी मिली है जिसमें अंजलि बैगा पिता मजलु एवम निवासी ग्राम कोटमा बताया गया है, बच्चे की मौत का कारण निमोनिया होना बताया गया है , इसके अलावा सुभाष बैगा पिता धममू बैगा बताया गया है, इस संदर्भ में जो भी जानकारी सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मांगे जाने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फिलहाल खुद को किनारे कर लिया।

संभागीय जिला चिकित्सालय में इस तरह 12 घंटे के अंदर छह बच्चों की मौत पूरे चिकित्सालय प्रबंधन को ही कटघरे में खड़ा करता है साथ ही यहां के स्टाफ और शासन द्वारा खर्च होने वाले करोड़ों रुपए भी जांच के घेरे में आते हैं ।

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