3000 रुपये देकर मजदुर पहुँचे शहडोल @ आये 20,मिले 5 _ e-pass भी संदिग्ध

3000 रुपयेें देकर प्रति मजदुर पहुँच रहे शहडोल
निजी वाहनों की मनमानी से ठगे जा रहे प्रवासी मजदूर
सूरत से शहडोल के बीच न जाँच न स्क्रीनिंग
शहडोल के बाहर ही मजदूरों को छोड़कर चला गया वाहन,
20 प्रवासी मजदूरों में से सिर्फ 5 ही आये सामने,
मजदूरों के पास मिली e-pass भी संदिग्ध
शहडोल। कोरोना वायरस में घर परिवार से दूर मजदुर अब धीरे धीरे कही पैदल सड़क मार्ग से तो कही ट्रेन की पटरियों के साथ पहोचते तो देखा है।लेकिन अब इन मजदूरो को घर की वापसी पर मुह मांगी कीमत देना पड़ रहा है। ये बात अब समझ से परे है।
सूरत से शहडोल के बीच नहीं हुई स्क्रीनिंग
सूरत से शहडोल का सफ़र तय करते मजदूर आज भोर में शहडोल की सीमा में पहुंचे, जहाँ उन्हें गांधी चौक पर तैनात पुलिस कर्मी अमर सिंह और जगन्नाथ सिंह ने उन्हें देख कर रुकाया। रुका कर उनकी ट्रैवल हिस्ट्री पूछी जहा उन्होंने बताया की सूरत से लेकर शहडोल के बीच में कही भी स्क्रीनिंग नहीं की गई, वही तैनात पुलिस कर्मी ने इनकी सुचना अपने विभाग को देकर इन्हे मेडिकल चेकअप के लिए जिला अस्पताल भेजवाया।
ये है 5 मजदुर
बुद्धू कोल पिता गुरैया कॉल उम्र 22 वर्ष निवासी खैरहा, गोपाल सिंह पिता अमर सिंह निवासी खैरहा, रवि कोल पिता चिड़िया कोल उम्र 19 वर्ष निवासी भरुआ ताल सिंहपुर, संतोष सिंह पिता मुन्ना सिंह उम्र 18 वर्ष खैरहा, विनोद सिंह पिता रामसिंह उम्र 20 वर्ष निवासी खैरहा के है। जिन्होंने 3 दिन का सफर तय कर सूरत से शहडोल जिले के खैरहा थाना क्षेत्र पहोच रहे है।
निजी वाहनों की मची लूट
इस कोरोना मार में 2 पैसे जोड़ कर रक्खा मजदुर घर परिवार के लिये उस पर भी अन्य राज्यो के निजी वाहनों ने खुल कर लूट मचाई है। निजी वाहन पिकअप,ट्रक, डम्फर में 20 से 25 मजदूरो को भरकर प्रति मजदुर 3000 रुपये पर लिया जा रहा है। सूरत से शहडोल की सीमा में पहोची 2 पिकअप मजदुर भरी गाड़ी जो की पाली रोड स्थित चेक पोस्ट के पहले ही मजदूरो को उतार कर वापस निकल गई। जो की 50 मजदूरो से 3000 प्रति व्यक्ति के हिसाब से डेढ़ लाख रुपये वसूल कर निकल ली।
गाड़ियों में भी भरे मजदुर कही संक्रमित तो नहीं!
अन्य राज्यो से आने वाले गाड़ियों में इस तरह भरे 20 से 20 मजदूरो को एकसाथ लाने की अनुमति कैसे मिल जा रही है। सूरत से शहडोल के बीच पड़ने वाले कई छोटे बड़े शहरों से होकर मजदूरों से भरी पिकअप वाहन कैसे शहडोल पहोच गए यह भी एक सोचनीय पहलु है।
e-pass भी जाँच के दायरे में
सूरत से आए 20 में से 15 श्रमिक तो शहडोल से पहले ही उतर कर अपने गंतव्य की ओर चले गए, शेष गांधी चौराहे पर जिन पांच मजदूरों को पुलिस ने जिला चिकित्सालय लाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है, उनके पास मिले पास खुद ही संदेह के घेरे में है गौरतलब है कि बीते दिवस सतना जिले में गुजरात से इसी तरह फर्जी पास लेकर आ रहे मामले का खुलासा हुआ था इस संबंध में पुलिस और प्रशासन को इस तरह के पास की भी जांच करनी चाहिए।