उमरिया जिला मुख्यालय में एनएच-78 से एनएच-43 में तब्दील हुई राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि अधिगृहण और उसके एवज में दिये गये मुआवजे में जिम्मेदारों ने खैरात में करोड़ों बांट दिये, आरोप हैं कि 6 करोड़ 70 लाख के मुआवजे में 7 खातेदारों से 10 प्रतिशत लेकर कब्जे के भू-खण्ड पर काल्पनिक वारिशदारों को उपकृत कर दिया।

उमरिया । जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 के लिए भूमि अधिगृहण का सिलसिला बीते वर्षाे से लगातार चल रहा है। सड़क निर्माण के लिए चिन्हित की गई भूमि को पहले ही शासन द्वारा घोषित कर दिया गया था, जिसमें शासकीय भूमि के अलावा उन भूमियों को भी चिन्हित किया गया, जो निजी स्वामित्व की थी, ऐसे भू-खण्डों के लिए अवार्ड घोषित कर मुआवजा भी तय किया गया, यह जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्रों के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों को दी गई थी, मुख्यालय के पुराने एनएच-78 के शासकीय भूमि के खसरा क्रमांक 668/669 जो कि ग्राम खलेसर, राजस्व निरीक्षक मण्डल उमरिया, पटवरी हलका नंबर 10 में नया एनएच-43 का निर्माण हो चुका है। उक्त शासकीय भूमि पर भूपेन्द्र चंदेल जो कि एसडीएम बांधवगढ़ का रीडर है, राजेश शर्मा, सुशील सिंह, विनोद आहूजा, किशोर छतवानी, लक्ष्मण दास खट्टर, प्रकाश सचदेव ने अतिक्रमण कर रखा था, जबकि इनकी भूमि ठीक सड़क के दूसरे सामने बताई गई है। सड़क निर्माण में एक इंच भूमि भी उपयोग में नहीं लाई गई, आरोप है कि यह पूरा खेल कर कथित रसूखदारों के साथ मिलकर शासकीय खजाने को करोड़ों की चपत लगाई गई, राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे भू-खण्डों पर कब्जा दिखाकर पूरा खेल कर दिया गया। मामले से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जाये तो, इसके साथ अन्य कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, जिसमें जिम्मेदारों ने अपनी ही सरकार के खजाने को खाली करने के लिए पूरा व्यूह रच दिया।


पहले बताया था शासकीय

सड़क निर्माण शुरू होने से पहले जब विज्ञप्ति जारी की गई थी, उसमें उक्त भू-खण्ड को शासकीय बताया गया था, बाद में जब कुछ लोगों के नाम अतिक्रमण को लेकर सामने आये तो, इस मामले में आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी, आरोप हैं कि उसे दरकिनार करते हुए एसडीएम बांधवगढ़ अनुराग सिंह ने कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी के साथ मिलकर भूपेन्द्र चंदेल, राजेश शर्मा, सुशील सिंह, विनोद आहूला, किशोर छतवानी, लक्ष्मण दास खट्टर और प्रकाश सचदेव को 6 करोड़ 70 लाख का मुआवजा अवार्ड कर दिया, मामले की निष्पक्ष जांच हो तो, आरोप सच साबित हो सकते हैं।

शासकीय भूमि का कराया समझौता

बताया गया है कि कलेक्टर के निर्देशन में मातहतों ने यह कहकर समझौता कराया कि भूमि स्वामी के द्वारा 18-18 मीटर के मुआवजे की मांग की जा रही थी, जबकि 6-6 मीटर का समझौता सभी भू-स्वामियों के बीच करवा दिया गया, लेकिन सच्चाई यह है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कथित व्यक्तियों के द्वारा किया गया था और पहले से ही सड़क बनी हुई थी।

10 प्रतिशत में हुई डील!

मुआवजे की राशि अवार्ड करने के एवज में राजस्व अधिकारियों ने भू-स्वामियों से 10 प्रतिशत की राशि में डील तय की, आरोप हैं कि एसडीएम बांधवगढ़ अनुराग सिंह के माध्यम से जुगाड़ का धन अंदर कर लिया गया, खबर है कि फाईल बनकर तैयार हो चुकी है और मुआवजे की कार्यवाही को आज सोमवार को अंतिम रूप दे दिया जायेगा, भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को लांघते हुए एक बार फिर शासन के खजाने में सेंध लगाने की तैयारी का कार्यक्रम आज संपन्न होना है।

किशोर ने कटनी में दिये 67 लाख!

पूरे शहर में इस बात की चर्चाओं का बाजार गर्म है कि सभी भूमि स्वामियों की ओर से किशोर छतवानी ने कलेक्टर के नाम पर एसडीएम अनुराग सिंह को 67 लाख रूपये कटनी में शनिवार की रात्रि दिये हैं। एसडीएम मूलत: कटनी जिले के निवासी हैं और उनके घर पर ही रूपयो का लेन-देन हुआ है, अगर घर में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ होगा तो, इस बात के पूरे प्रमाण सामने आ सकते हैं, आरोप कितने सच हैं, यह तो जांच के बाद ही सामने आयेगा, लेकिन जिम्मेदारों के ऊपर लगे आरोप शहर में चर्चा का विषय बने हैं, जिनकी जांच होना अब आवश्यक हो गया है।

इनका कहना है…
जिस खसरे नंबर को लेकर चर्चाएं हो रही हैं, वह मेरे संज्ञान में नही हैं, अभी मुआवजा वितरण की प्रक्रिया चल रही है, सभी दावा आपत्तियों को सुना जायेगा, 100 से ज्यादा मामले हैं। किसी भी प्रकार की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है तो, लेन-देन की बात कहां से आ गई। इस मामले को भी जांच में लिया जायेगा।
अनुराग सिंह
एसडीएम, बांधवगढ़
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मेरी कोई जमीन के मुआवजे का मामला नहीं है, कल आप कार्यालय आकर बाकी जानकारी ले सकते हैं।
भूपेन्द्र सिंह चंदेल
रीडर
एसडीएम कार्यालय
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मुआवजे और जमीन सहित लेन-देन के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, मैं हरिद्वार में हंू।
किशोर छतवानी

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