रानी दुर्गावती विवि से संबंद्ध शासकीय कन्या महाविधालय में अध्ययनरत एमएससी केमिस्ट्री 3rd सेमेस्टर कें 80 फीसदी छात्राओं की आधार पाठ्यक्रम मेडिस्नल केमिस्ट्री में आई एटीकेटी, छात्रों ने कही विश्वविद्यालय पर रिजल्ट बिगाड़ने का बात, आक्रोशित छात्राओं ने रिचेकिंग के साथ की दोबारा परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग
रानी दुर्गावती विवि से संबंद्ध शासकीय कन्या महाविधालय में अध्ययनरत एमएससी केमिस्ट्री 3rd सेमेस्टर कें 80 फीसदी छात्राओं की आधार पाठ्यक्रम मेडिस्नल केमिस्ट्री में आई एटीकेटी, छात्रों ने कही विश्वविद्यालय पर रिजल्ट बिगाड़ने का बात, आक्रोशित छात्राओं ने रिचेकिंग के साथ की दोबारा परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग
कटनी ॥ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा गत दिवस एमएससी केमिस्ट्री 3rd सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है। विवि द्वारा जो परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है वह बेहद ही निराशाजनक है। बताया गया है कि विवि द्वारा कटनी जिले के शासकीय कन्या महाविद्यालय का जो परिणाम घोषित किया गया है उसके अनुसार महाविद्यालय में अध्ययनरत एमएससी केमिस्ट्री 3rd सेमेस्टर 71 में से 65 विद्यार्थियों को एक ही विषय में फेल कर दिया गया है। केवल 6 विद्यार्थी किसी कदर पासिंग मार्क्स पाने में कामयाब हो पाए हैं। विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर परीक्षा परिणाम घोषित करने में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए कॉलेज में हंगामा किया। प्राप्त जानकारी अनुसार जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय पर फिर रिजल्ट बिगाड़ने के साथ-साथ छात्राओं की एटीकेटी में 0 से 1नंबर , 2 नंबर देने की बात एटीकेटी आई छात्राओं ने कहते हुए उत्तर पुस्तिकाओं की रिचेकिंग कर परीक्षा परिणाम दुबारा घोषित करने की मांग की है। दरअसल शासकीय कन्या महाविधालय में अध्ययनरत एमएससी केमिस्ट्री 3rd सेमेस्टर की 71 छात्राओं में से 65 छात्राओं की आधार पाठ्यक्रम मेडिस्नल केमिस्ट्री में एटीकेटी रानी दुर्गावती द्वारा दे दी गई हैं । जिस पर से छात्राओं में आक्रोश है। लिहाजा छात्राओं को अच्छे नंबर ना मिलने के कारण एमएससी केमिस्ट्री 3rd सेमेस्टर में 71 में से 65 छात्राएं एक विषय में फेल हो गई है। छात्रों में मीना सिंह ठाकुर, प्रियंका त्रिपाठी , अंजना जयसवाल, रितु गर्ग, प्रीति प्रजापति ने जानकारी में बताया कि छात्रों ने साल भर पढ़ाई की, पर जब रिजल्ट आया, तो वह बेहद निराशाजनक रहा। यूनिवर्सिटी ने प्रति छात्र रिचेकिंग के नाम पर ₹450-से ₹500 लिए जाते हैं लेकिन समस्या का कोई निराकरण नही किया जाता हैं । कई बार कुलपति और कुलसचिव से भी रिजल्ट संबन्धी समस्या कें निराकरण की मांग छात्राओं के द्वारा स्वयं जबलपुर जाकर की गई, पर सिर्फ आश्वासन मिला। जब 3rd सेमेस्टर का रिजल्ट आया, तो 80% छात्रों को एक ही विषय में फेल कर दिया गया।