अधर में अटकी 930 रजिस्ट्रियां , मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद नहीं हुआ निराकरण
- विधायक ने कहा जल्द अवार्ड में शामिल किया जाएगी रजिस्ट्री
सिंगरौली (शशिकांत कुशवाहा)। मध्यप्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगा है । सिंगरौली जिले के लगभग हजारों किसान बेहद निराश होकर जिला प्रसासन के रवैये से नाखुश नजर आ रहे हैं । आक्रोशित किसानों ने सुनवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है । मामला जमीनों के रजिस्ट्रेशन से जुड़ा हुआ है जिस पर जिला प्रशासन की चुप्पी किसानों के गले से नीचे नही उतर रही है ।वहीं संबंधित मामले में 930 लोगों को मिलने वाले रोजगार पर अटकलें जारी है । एक तरफ भाजपा का चुनावी वादा 2 करोड़ नौकरियों का था परंतु जनप्रतिनिधियों का उदासीन रवैये के कारण जिले के किसानों के साथ वादाखिलाफी जैसा ही प्रतीत होता नजर आ रहा है।संभावित रास्ते भी बंद होते दिखाई पड़ रहें हैं ।
क्या है मामला
अगर मामले की बात की जाए तो मामला रेलवे से जुड़ा है । नई प्रस्तावित ललितपुर सिंगरौली रेलवे की कनेक्टिविटी को लेकर, रेलवे के द्वारा नई रेलवे लाइन के लिये होना है जिसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा भूमि अधिग्रहण की जानी है संबंधित मामले में किसानों के द्वारा रेलवे की अधिसूचना जारी होने के पूर्व में ही नियमानुसार जमीनों की रजिस्ट्रियां करा ली जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा जमीनों की रजिस्ट्री , नामांतरण ,फुल्ली फांट ,बटनवारा आदि पर रोक लगा दी गई जिससे कि जिले के किसानों रजिस्ट्री के उपरांत भी उक्त प्रकरण में नामान्तरण की कार्यवाही नहीं हो सकी ।
930 रजिस्ट्रियों का नही हुआ नामान्तरण
मिली जानकारी के अनुसार सिंगरौली जिले के 930 रजिस्ट्रियों का नामान्तरण आज दिनांक तक नही हो सका है जिससे कि 930 रजिस्ट्रियों का भविष्य अधर में दिखाई पड़ रहा है , यह वही रजिस्ट्रियां हैं जिनकी किसानों के द्वारा रोक के पूर्व में ही रजिस्ट्री करा ली गई थी। वही अधिकारियों के कार्यालयों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाने के बाद अब हजारों लोगों ने नाराजगी जताई है।
नामान्तरण के फेर में अटकी 930 नौकरी
सिंगरौली जिला मुख्य तौर पर औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात है पर बेराजगारी के मामले में भी जिले के अच्छे खासे युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं । कई औद्योगिक घरानों ने अपने सयंत्र जिले में स्थापित किया है जिसके बावजूद भी बहुतायत संख्या में बेरोजगारों की फौज यहाँ मौजूद है । जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का परिणाम बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला है । बात अगर रेलवे अधिग्रहण की करें तो गौर करने वाली बात है कि 930 रजिस्ट्रियां अगर समय रहते नामान्तरण या अवार्ड में शामिल नही की जाती हैं तो आने वाले समय मे 930 युवाओं को मिलने वाले रोजगार से वंचित होना पड़ सकता है ।
मामले में प्रदेश के मुखिया ने कहा
ललितपुर सिंगरौली रेलवे लाइन में 930 रजिस्ट्रियों के अविवादित नामांतरण के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली दौरे के दौरान कहा था कि यह मामला मीडिया के द्वारा संज्ञान में लाया है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रोक अविवादित नामान्तरण और बटवारा अकारण नही हुआ होगा तो मै एक्शन भी लूँगा ।
नामान्तरण दर्ज किया जाएगा- विधायक देवसर
देवसर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुभाष वर्मा का संबंधित मामले में कहना है कि “रेलवे लाइन ललितपुर सीधी का मामला अवार्ड में आ चुका है, सीधी जिले आवर्ड हुआ है तो सिंगरौली में भी होगा।वहीं सिंगरौली जिले का 930 प्रकरण की फ़ाइल बनकर तैयार है जिसमे यह तय हुआ है कि नामान्तरण दर्ज किया जाएगा और इसके संबंध में बहुत जल्द आपको जानकारी दी जाएगी” ।
बहरहाल संबंधित मामले में अब तक रजिस्ट्री के नामान्तरण या अवार्ड में शामिल करने की बात पर किसानों को अबतक निराशा हाथ लगी है वहीं देवसर विधायक के द्वारा दिये बयान की बात यदि मान ली जाए और 930 रजिस्ट्रियां अवार्ड में जिला प्रशासन के द्वारा शामिल कर ली जाती हैं तो 930 परिवार के लोगों को उचित मुआबजा व नौकरी का रास्ता खुल जायेगा ।