आत्म कल्याण के सभी धर्मों में सत्य धर्म सर्वोपरि”- पं जीवन दादा जी पाटिल

सामाजिक सन्देश देते नाटक “अंतिम संस्कार डॉट कॉम” का हुआ मंचन
श्री चौसठ रिद्धि महामण्डल सामूहिक विधान का हुआ आयोजन
अध्यक्ष नरेन्द्र टोंग्या ने अतिथियों, कलाकारों तथा प्रतिभागियों को किया सम्मानित
मन, वाणी और कर्म से असत्य का त्याग करना ही उत्तम सत्य धर्म है। सत्य केवल वाणी में ही नहीं व्यवहार में भी होना चाहिए। झूठ के सहारे जो जीवन जिया जाता है, वह पानी के बुलबुले की तरह क्षणिक होता है। जीवन में सत्य से ही विश्वसनीयता और प्रामाणिकता आती है। सत्य धर्म पालन से ही ईश्वर का साक्षात्कार होता है। उत्तम सत्य धर्म केवल वाणी तक ही सीमित नहीं होता वरन वह पवित्र ह्रदय में वास करता है” उक्त उद्गार पं जीवन दादा जी पाटिल ने दशलक्षण पर्व के अवसर पर श्री 1008 भगवान् महावीर दिगम्बर जैन मंदिर साकेत नगर में अपने प्रवचनों में व्यक्त किये। आपने उत्तम सत्य धर्म पर बोलते हुए आगे कहा कि “सत्य धर्म के बिना जीवन की सभी धार्मिक क्रिया, कर्म-काण्ड आदि फल नहीं देते हैं इसीलिए आत्म कल्याण के सभी धर्मों में सत्य धर्म को सर्वोपरि माना गया है।
“हेमलता जैन ‘रचना’ ने बताया कि पर्युषण महापर्व पर साकेत नगर जैन समाज के सभी वर्ग नित्य-नियम पूजन, मंगलाष्टक, अभिषेक, शांतिधारा, विधान आदि सभी धार्मिक क्रियायों के साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हर्षोल्लास के साथ भाग ले रहे हैं। दोपहर में साकेत नगर मंदिर परिसर में श्री चौसठ रिद्धि महामण्डल सामूहिक विधान का आयोजन किया गया जो कि सुमत भैया जी निर्देशन, डॉ महेंद्र जैन के संगीत तथा रचना जैन के मधुर कंठ से पूर्ण विधि विधान द्वारा प्रो.अशोक जैन, ताराचंद जैन, महेंद्र जैन, सभी समिति अधिकारियों तथा अन्य गणमान्य धर्म प्रेमियों के सहयोग से भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हुआ जिसमें समाज के लोगों ने दानराशि घोषित कर पुण्य का लाभ लिया, जिसमें एमराल्ड सिटी के डॉ शरद जैन व उनकी पत्नी द्वारा विधान की बोलियों में विशेष योगदान देकर पुण्य सौभाग्य प्राप्त किया गया।
नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए आयोजित भजन प्रतियोगिता में बच्चों का उत्साह और आत्मविश्वास देखने लायक था। जजेस के लिए निर्णय देना मुश्किल भरा टास्क रहा। वहीं रात्रि में आरती तथा प्रवचन के पश्चात् सामाजिक सन्देश देते नाटक का मंचन हुआ। हमारे समाज में अनेकों ऐसी प्रथाएं थीं जिनके कुछ उचित या साइंटिफिक कारण थे किन्तु वह कालान्तर में कुप्रथाओं में बदलती चली गयीं जिनमें समय के चलते अब बदलाव की आवश्यकता है। ऐसी ही किसी मृत्यु के बाद संस्कारों के नाम पर किये जाने वाले कार्यक्रमों पर हल्के फुल्के कटाक्ष के साथ एक गंभीर मैसेज देता है नाटक “अंतिम संस्कार डॉट कॉम” प्रस्तुत किया गया। यह नाटक लेखक श्री पंकज चौबे द्वारा सत्य घटना पर आधारित एक अनुभव से प्रेरित होकर लिखा गया है। इसमें निर्देशक भोपाल शहर के जाने-माने तथा विभिन्न टीवी सीरियल्स, व्यावसायिक विज्ञापनों, फिल्मों तथा रंगमंच पर अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने वाले राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अखिलेश जैन सहित सतीश मलासिया, पूजा विश्वकर्मा, विकाश राठौर,मानव आनंद, आशुतोष मिश्रा, पियूष पांडा, चैतन्य सोनी, सुमन मिश्रा, सौरभ लोधी, समृद्धि त्रिपाठी, सार्थक ने अपनी सशक्त अदाकारी से दर्शकों को पूरे समय बांधे रखा। साकेत नगर मंदिर की सदस्य हेमलता जैन रचना, सीमा जैन तथा पूनम जैन भी इस नाटक में अभिनय करती नज़र आयीं। एक मिनिट की धार्मिक प्रतियोगिता में गरिमा जैन, ललित मन्या जैन तथा श्वेता जैन विजयी रहीं वहीं ड्रॉइंग प्रतियोगिता में अभिश्री, छायांशी, अनय, हिया, आस्था, वैदेही, अनादि ने पुरुस्कार प्राप्त किये। साकेत नगर जैन मंदिर के कर्मठ, सहज, सरल व्यवहार के धनी अध्यक्ष नरेंद्र जैन टोंग्या जी की ओर से विधान में आगन्तुक भव्य जनों को अपने हाथों से विभिन्न प्रकार के ड्राई फ्रूट्स, दूध, चाय, ओकाली आदि की व्यवस्था की गयी ज्ञात हो कि मंदिर जी में रोजाना लगभग 200 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को दोनों वक़्त आहार कराया जा रहा है, साथ ही बाहर से आये धर्म प्रेमी, एम्स में भर्ती समाज के मरीजों तथा उनके परिजनों हेतु भी निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गयी है।