विश्वविद्यालय में भूगोल विषय में स्पेस टेक्नॉलॉजी पर हुआ व्याख्यान

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शहडोल। पंडित एस. एन. शुक्ला विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में वाणिज्य एवं भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ.
अनिल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में भूगोल परिषद द्वारा रिमोट सेन्सिंग (सुदूर संवेदन) एवं जीआईएस (भौगोलिक
सूचना प्रणाली) पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन कुमारी मीनाक्षी सराफ द्वारा किया
गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने छात्रों को आशीर्वचन प्रदान किया एवं अपने उद्बोधन मे बताया
की स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात विध्यार्थियों में सम्प्रेषण कौशल की आवश्कता अधिक होती है, जो की
साक्षात्कार के समय बहुत उपयोगी होती है जिसे पाठ्यक्रम के दौरान ही विकसित करना जरूरी होता है। विभाग के
सहायक प्राध्यापक डॉ. मुनीश सिंह नेगी ने विध्यार्थियों को प्रायोगिक भूगोल के महत्वता के बारे में बताया।
कार्यक्रम में रिमोट सेन्सिंग (सुदूर संवेदन) एवं जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) पर व्याख्यान भूगोल विभाग
के सहायक प्राध्यापक डॉ. सौरभ शिवा द्वारा दिया गया। व्याख्यान के माध्यम से विध्यार्थियों के सामने भूगोल के
क्षेत्र में उपयोग होने वाली नवीन तकनीक, यंत्र एवं नवाचार के पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। रिमोट सैन्सिंग के
माध्यम से पृथ्वी पर उपस्थित किसी भी वस्तु विशेष क्षेत्र के बारे में जानकारी उपग्रह छायाचित्रों के माध्यम से
एकत्रित करके उसे अनवेषण, मेपिंग, अनुसंधान के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। आपदा प्रबंधन, कृषि,
वनस्पति शास्त्र, शहरी विकास, मेडिकल साइंस, इन्शुरेंस, मनरेगा एवं विभीन्न विषयों में इसकी उपयोगिता एवं
महत्वता होती जा रही है। भूगोल विषय के छात्रों के लिए यह तकनीक रोजगारउन्मुखी भी है।
कार्यक्रम में भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. मुनीश सिंह नेगी, डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा, डॉ. जितेंद्र सेन, भूगोल
विभाग के अतिथि विद्वान डॉ.राहुल कुशवाहा, दिलीप मिश्रा एवं भूगोल परिषद की समस्त कार्यकारिणी एवं विभाग
के छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

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