…साहब पुलिस ने बेवजह पुत्र को बना दिया 307 का आरोपी

शहडोल। जिले के बुढ़ार थाना क्षेत्र के ग्राम छांटा में रहने वाली मीना चौधरी पति शुभकरण चौधरी ने पुलिस अधीक्षक
को शिकायत देते हुए बताया कि 01 जनवरी को ग्राम छांटा में रामचरण चौधरी के घर में निमंत्रण का प्रोग्राम था,
जिसमें शुभकरण व उसकी पत्नी भी निमंत्रण में गये हुये थे और गांव के रामगोपाल चौधरी पिता वेसाहन चौधरी भी
आया था। इसी बीच शुभकरण चौधरी अपने घर आ गया और दरवाजा बंद कर सो रहा था, तभी रामगोपाल शराब के
नशे में रात्रि लगभग 11 बजे शुभकरण के घर के बाहर आया और दरवाजे में लात मारने लगा और गालियां देने लगा,
तब शुभकरण व उसकी पत्नी निकले, जिस पर वाद-विवाद होने लगा और वाद-विवाद के बाद दोनो पक्ष थाने में रिपोर्ट
दर्ज कराने के लिये गये, जिस पर पुलिस ने दोनो पक्षों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया, जिस पर शुभकरण की रिपोर्ट
पर धारा 155 जा. फौ. के तहत शिकायत दर्ज की गयी। किंतु रामगोपाल की रिपोर्ट पर 154 जा.फौ. के तहत 323,
294, 506 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया, जिसमें रामगोपाल के द्वारा शुभकरण व उसके पुत्र अर्जुन का नाम
प्रथम सूचना में लिखा गया, जबकि घटना दिनांक को अर्जुन चौधरी 01 जनवरी को अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस से
बैठकर बुढार आ रहा था जो कि ट्रेन 11 बजे बुढ़ार में आयी है और उक्त घटना 11.30 मिनट में ग्राम छांटा में घटित
हुई, जिसमें अर्जुन चौधरी मौजूद नहीं था, उस समय वह रास्ते में था। किंतु थाना में रामगोपाल चौधरी के द्वारा
अर्जुन चौधरी को भी मारपीट में संलिप्त कर उसका नाम भी अभियुक्त के रूप में लिखा दिया, पुलिस के द्वारा धारा
323, 294, 506 बी में इजाफा कर 307 आई. पी. सी. में बदल दिया गया, जबकि प्रथम सूचना अनुसार पेट में किसी भी
चोट का उल्लेख फरियादिया ने नहीं किया, न ही डॉक्टर ने चोट बताया।
फरियादिया ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि अर्जुन चौधरी ने घटना स्थल में मौजूद न रहने के बाद भी उसको
षडयंत्र के तहत आरोपी बनाया गया, अर्जुन चौधरी एमआर का काम करता है, जबलपुर में रहता है। घटना के दिन वह
घर आ रहा था और रास्ते में था फिर भी बिना तथ्यों की जांच किये अर्जन चौधरी का नाम मात्र रामगोपाल के कहने
पर दर्ज कर लिया। ऐसी स्थित में स्टेशन के सीसीटी्ही फुटेज का ट्रेन टिकट एवं टिकट काउंटर के सीसीटीव्ही फुटेज
की जांच करने के बाद साक्ष्यों के आधार पर जांच पड़ताल किया जावे और अजुन चौधरी का नाम उक्त एफआईआर से
हटाया जावे, अन्यथा निर्दोष होने के बाद भी अर्जुन धारा 307 में आरोपित हो जायेगा। फरियादिया ने पुलिस अधीक्षक
से गुहार लगाते हुए मांग की है कि उक्त प्रकरण की गंभीरता से जांच पड़ताल की जाये और न्याय की गुहार लगाई
जाये।