संवेदनशील कलेक्टर की वजह से कृष्णा की आंखों में दिखाई रोशनी की उम्मीदें, दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा की आंखों का जबलपुर में होगा निःशुल्क इलाज

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संवेदनशील कलेक्टर की वजह से कृष्णा की आंखों
में दिखाई रोशनी की उम्मीदें, दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा की आंखों का जबलपुर में होगा निःशुल्क इलाज

कटनी॥ बहोरीबंद विकासखंड के ग्राम तिगवां के दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा चौधरी की आंखों का जबलपुर में दादा वीरेंद्र पुरी जी चैरिटेबल आई हॉस्पिटल के विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सकों की निगरानी में इलाज होगा। जबलपुर में गहन नेत्र परीक्षण के बाद डॉक्टर्स को कृष्णा की आंखों में रोशनी आने की संभावना नजर आने पर कृष्णा की आंखों का जबलपुर में निःशुल्क उपचार और ऑपरेशन होगा और यह सब कलेक्टर अवि प्रसाद की संवेदनशीलता और सहृदयता की वजह से संभव हो पाया है ॥
बीते दिसंबर माह की 2 तारीख को बहोरीबंद भ्रमण के दौरान तिगवां ग्राम में पुरातत्व द्वारा संरक्षित मां शारदा मंदिर परिसर में दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा चौधरी की वादन और गायन कला से प्रभावित हुए कलेक्टर श्री प्रसाद , दिव्यांग कृष्णा से मिलने के बाद जहां उसकी गायन प्रतिभा से प्रभावित हुए थे, वहीं कृष्णा की आंखों के इलाज की कोशिश में भी लगे थे । तभी उन्हें जबलपुर के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सालय दादा वीरेंद्र पुरी जी चैरिटेबल आई हॉस्पिटल की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्लीमनाबाद के नायब तहसीलदार को निर्देशित किया कि वे यहां के चिकित्सकों से संपर्क करें और कृष्णा की आंखों की जांच कराने के संबंध में बात करें। इसके बाद वहां के डॉक्टर्स ने कटनी आने के लिए मंगलवार का समय दिया। इस पर कलेक्टर श्री प्रसाद ने दिव्यांग और उनकी माता श्रीमती प्रेम बाई चौधरी को कलेक्ट्रेट बुलवा लिया। जहां सीनियर ऑप्टोमेट्रिस्ट डॉ रंजन द्विवेदी एवं कैंप को -आर्डिनेटर अरविंद द्विवेदी ने कटनी कलेक्ट्रेट पहुंचकर दिव्यांग कृष्णा की आंखों की प्राथमिक जांच की । प्रारंभिक नेत्र परीक्षण के बाद नेत्र चिकित्सक को कृष्णा की आंखों में रोशनी आने की संभावना दिखी। कृष्णा को गहन नेत्र परीक्षण हेतु विशेष वाहन से आज बुधवार को जबलपुर भेजा जाएगा। जहां उन्नत व अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों से कृष्णा की आंखों की जांच की जायेगी। साथ ही आंखों में रोशनी आने की संभावना पर उसका निःशुल्क ऑपरेशन व उपचार किया जाएगा। इस प्रकार कलेक्टर श्री प्रसाद के संवेदनशील प्रयास से दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा और उसकी मां प्रेम बाई को आंखों में रोशनी आने की उम्मीद बढ़ गई हैं। वे कहती हैं कि -कृष्णा की जिंदगी में कलेक्टर श्री प्रसाद भगवान के रूप में आये हैं,अब भरोसा सा हो गया है कि शायद कृष्णा को आंखों से दिखाई देने लगे।

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