सुरक्षा के लिए नियम पालन के साथ समतल सडक़ें भी जरूरी

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सडक़ हादसों के लिए जर्जर सडक़ों के गड्ढे भी दोषी

सडक़ हादसों में कमी लाने के लिए केवल ट्राफिक के नियम ही पर्याप्त नहीं होते, हादसे जर्जर सडक़ों के कारण
भी होते हैं लेकिन इस दिशा में सुधार लाने के लिए बड़े अधिकारियों के निर्देश भी कारगर नहीं हो रहे हैं। निर्माण
विभागों के अधिकारी निर्देशों को ठेंगा दिखाते रहते हैं। सडक़ें गहरे गड्ढों से भरी पड़ी हैं और खतरों को दावत दे रहीं हैं।

शहडोल। आवागमन की सुरक्षा बढ़ाने और सडक़ हादसों में कमी लाने के लिए यातायात पुलिस सडक़ सुरक्षा सप्ताह
मना रही है, लोंगो को ट्राफिक के नियम समझा रही है और हेल्मेट लगाने बाइकर्स को प्रेरित कर रही है। लेकिन सडक़
हादसों में कमी लाने के लिए केवल इतने प्रयास ही पर्याप्त नहीं हैं। सडक़ें भी साफ सुथरी और समतल सपाट होनी
चाहिए। खाईनुमा गड्ढों से भरी सडक़ें भी दुर्घटनाओं को दावत देती हैं। जिले में ऐसी सडक़ों की भरमार है। संभाग
मुख्यालय के अंदर ही हाइवे की व्यस्ततम सडक़ें बदहाल हैं। इन सडक़ोंं में कमिश्नर के तीन बार आदेश देने और
कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के बाद भी सुधार कार्य नहंी किया गया। सडक़ों की हालत ज्यों की त्यों है और आए
दिन यहां दुर्घटनाएं होती हैं।
कमिश्नर के ऐसे थे आदेश
कमिश्नर नेे सडक़ोंं की बदहाली और उन पर होने वाली दुर्घटनाओं को गंंभीरता से लेेते हुए बीते वर्ष के महीनों में
निर्माण विभाग के अधिकारियोंं की बैठक लेते हुए निर्देश दिए थे कि जिले की सीमाओं को जोडऩे वाली बड़ी सडक़ों
सहित नगरीय सडक़ों की गुणवत्तापूर्ण ढंग से मरम्मत कराई जाए। सडक़ों की पटरी की भराई मजबूती से कराई
जाए। सडक़ों में गड्ढे नहंी होने चाहिए उनकी मरम्मत में हीला हवाली नहीं होनी चाहिए। अगर इस कार्य में ढिलाई
बरती गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यालय में जर्जर सडक़ों की भरमार

गोरतरा पेट्रोल पम्प के सामने जगह जगह गड्ढे हैं, बस स्टैण्ड की ओर जाने वाली सडक़ कोटमा तिराहे के आसपास
जर्जर है, इसी तरह जिला अदालत के समीप श्मशान के सामने भी सडक़ आने जाने योग्य नहीं रह गई है। इन सडक़ोंं
का रखरखाव कमिश्नर के तीन बार आदेश देने और कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के बाद भी सुधार कार्य नहंी
किया गया। साहब ने भी दुबारा अधिकारियों से नहंी पूछा कि कार्रवाई हुई या नहीं। अधिकारी आदेश देकर अपनी
औपचारिकता पूरी कर देेते हैं लेकिन फिर कार्रवाई नहीं करते।
आवाजाही में हो रही असुविधा
राजमार्गों पर बढ़ते जा रहे खाईनुमा गड्ढे आवागमन में जोखिम बढ़ा रहे हैं। बड़े अधिकारियों के आदेश इस जोखिम
को कम नहीं कर पा रहे हैं। गड्ढों के कारण वाहन हिचकोले खाते चलते हैं और उनमें टूट फूट भी होती है। हाइवे पर
जहंा सिटी के वाहन चलते हैं वहीं चौबीसो घंटे मल्टी एक्सल ट्रक, राखड़ों के बल्कर, भारी मिक्सर मशीने चलती हैं
शहर के आसपास जो सडक़ें रहतीं है वे इतना भार सहने की क्षमता नहीं रहती है वे जल्द ही उखड़ जातीं हैं। यहां समय
समय पर गुणवत्तापूर्ण रखरखाव जरूरी होता है। लेकिन विभाग के अफसर गिट्टी का चूरा और डामर मिक्स कर गड्ढे
भरवा कर छुट्टी पा लेते हैं। दो दिन में सडक़ फिर जैसी की तैसी हो जाती है।
आश्वासन के बाद भी सुधार नहीं
कमिश् नर को एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बैठक में आश्वासन दिया था कि राजमार्ग व बड़ी सडक़ों का सुधार
कार्य तत्काल शुरू करा दिया जाएगा और गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जाएगा। उन्होने कार्य की शुरूआत भी गोरतरा
पेट्रोल पम्प के समीप से करना बताया था। लेकिन आज भी इस सडक़ को देखा जा सकता है। इसके गड्ढों में कमी
नहीं आई है। आसपास के लोग बताते हैं कि कई माह पूर्व एक बार गड्ढों में गिट्टी का चूरा भरवाया गया था। जो कि
भारी वाहनों की आवाजाही के कारण दो दिन में लापता हो गया है।

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