जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रति महीना मिलेगा एक लाख रुपये मानदेय


शहडोल। राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त जिला पंचायत अध्यक्षों को मानदेय-भत्ता मिलाकर अब एक लाख रुपये महीना दिया जाएगा। राज्यमंत्री की तरह ही सुरक्षा और आवास सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी और उनके प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा। राष्ट्रीय पर्व पर जिले में मंत्रियों की अनुपस्थिति की स्थिति में उन्हें ध्वजारोहण करने के भी अधिकार रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को यह घोषणाएं की हैं। दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत के नेतृत्व में 44 जिलों के अध्यक्ष 12 मांगें लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए थे। यहां सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया भी उपस्थित थे। बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्षों को वर्तमान में मानदेय-भत्तों के रूप में 54 हजार रुपये महीना दिया जा रहा है। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा तो है, पर इस पद की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
शासन की ओर से जारी होंगे परिचय पत्र
प्रतिनिधि मंडल से चर्चा में मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी अन्य मांगों को अधिकारियों के दल से परीक्षण कराकर लागू करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्यमंत्री के रूप में दिए प्रोटोकाल का विधिवत पालन कराया जाएगा। जिला पंचायत के कार्यक्षेत्र के सभी निर्माण कार्य अध्यक्षों के अनुमोदन से ही स्वीकृत होंगे। उन्हें सांसद और विधायकों की तरह शासन की ओर से परिचय पत्र जारी किए जाएंगे। सागर जिला पंचायत और संघ के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने भरोसा दिलाया कि आज दिए गए अधिकारों का उपयोग कर प्रदेश की जनता के हित में काम करेंगे।
संघ की प्रमुख मांगें
-राज्यमंत्री के समान प्रोटोकाल का पालन, आवास, सुरक्षा के अधिकार।
-मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की गोपनीय चरित्रावली पर मतांकन के अधिकार।
-जिले में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले के अधिकार।- मानदेय-भत्ता एक लाख रुपये किया जाए।- स्वेच्छा विकास निधि 25 लाख रुपये प्रति विधानसभा क्षेत्र के मान से दी जाए।- निर्माण कार्यों का अनुमोदन अध्यक्षों से लिया जाए।
– राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण के अधिकार।
– 15वें वित्त एवं अन्य मदों की राशि में तीन गुना वृद्धि की जाए।
– गौण खनिज की राशि से होने वाले विकास कार्यों की समिति में अध्यक्षों को नामांकित करें।