बरगवां नाथ हनुमान जी महाराज ने आकाशीय बिजली को अपने में किया समाहित।

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बरगवां अमलाई।परम आराध्य देव बरगवां नाथ ने इस पावन भूमि धरा पर जहां उनका भव्य मंदिर निर्मित है उस स्थान पर प्रत्यक्ष रूप से अप्रत्यक्ष विद्यमान होने का प्रमाण प्रस्तुत किया।मनोकामना पूर्ति बरगवां नाथ हनुमान जी महाराज ने अपनी उपस्थिति इस तरह दर्ज कराई जैसे प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती और ईश्वर का कोई स्वरूप नहीं होता क्योंकि ईश्वर सदैव आत्मा और इस ब्रह्मांड के चर अचर चराचर जीवो में समाहित होते हैं और इसके लिए तुलसीदास महाराज ने श्री रामचरितमानस में वर्णन किया है की “ईश्वर अंश जीव अविनाशी”
विश्व कल्याण के निमित्त धर्म के रक्षक कलयुग के देवता महावीर महाबली विद्यावान बजरंगबली हनुमान जी हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज दिनांक 26 3 2023 को दिन के 3:10 बजे आकाशीय बिजली गिरने के प्रभाव को अपने मंदिर के ऊपर के हिस्से पर लगे गुंबद पर पीतल धातु से निर्मित गुंबद का अस्त्र के रूप में प्रयोग करते हुए आसपास के पशु पक्षी कार्य कर रहे मजदूर एवं निवासियों के प्राणों की रक्षा उस तीव्र गति से आने वाली आकाशीय बिजली के प्रभाव को क्षणभर में खत्म कर दिया एवं मंदिर में एक दरार तक नहीं आई गुंबद का ऊपरी हिस्सा सिर्फ प्रभावित हुआ किंतु हनुमान जी महाराज के द्वारा अपने आसपास रह रहे जीवो की रक्षा करते हुए स्वयं पर उसका प्रभाव समाहित कर लिया।

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