अफसरों के संरक्षण में बदस्तूर जारी है अवैध प्लाटिंग कल्याणपुर में धड़ल्ले से कटे दर्जनो भूखण्ड, जमकर हुई बिक्री

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शहडोल। संभाग मुख्यालय के समीप स्थित कल्याणपुर व कोटमा ग्राम की जमीनों पर आज भी माफिया की गिद्ध
निगाहें लगी हुईं हैं। जबकि इस मामले में पटवारियों पर हमले भी हुए हैं। कल्याणपुर गांव की जमीने तो वर्षों से अवैध
प्लाटिंग की भेट चढ़ती रहीं हैं। आज यहां की हालत यह है कि सड़क किनारे व गांव के अंदर भूमि के टुकड़े बंटे दिखाई
पड़ते हैं। यह सारा खेल राजस्व अमले और पटवारियों से माफिया की संाठगाठ के कारण चला। लेकिन कार्रवाई
आज तक नहीं हुई। जबकि दावे यह किए जाते हैं कि सभी कार्य जैसे प्लॉटिंग, नामांतरण, सीमांकन, फौती उठाना,
ऑन लाईन डीएससी आदि राजस्व नियमो के तहत किया जा रहा है। कृषि भूमि को बिना टीएनसीपी अनुमति, अवैध प्लॉटिंग कर अवैध रूप से विभिन्न टुकड़ों में बेचा गया है और खुलेआम नामांतरण कर दिया गया।
न नोटिस भेजी न कार्रवाई हुई कल्याणपुर की दर्जनोंंंं भूमियों की प्लाटिंग हुई, शिकायत भी हुई लेकिन न तो संबंधितों को नोटिस गई न किसी पर
कार्रवाई हुई। कल्याणपुर की खसरा क्रमांक 183 की इस जमीन की प्लाटिंग 28 टुकड़ों में की गई इसके बाद तेजलाल
वर्मा, सुधाबाई तिवारी, श्रीमती साधना सिंह, श्रीमती बीना सोंधिया, विकास कुमार मिश्रा, श्रीमती माला देवी, नीरज
दुबे, रोशनी गुप्ता, मनीता सिंह, अविनाश प्रताप सिंह, राम प्रकाश द्विवेदी, विवेक कुमार तिवारी, ऋचा, जीतेन्द्र
प्रताप सिंह, सविता त्रिपाठी, विकास कुमार पाण्डेय, उषा पाण्डेय, अतुल विश्वकर्मा, सुभाष पाण्डेय, छेदीलाल मौर्य,
रविशंकर विश्वकर्मा, श्रीमती संध्या सिंह, बृजेन्द्र कुमार, समर साहा, श्याम बिहारी सिंह, बिहारी सिंह, विकास कुमार
मिश्रा द्वारा भू-खण्ड क्रय किया गया। इनमेें से अधिकांश पटवारी के संपर्क में थे। इसी ग्राम की दर्जनों भूमियां पूर्व में
बेची गईं।
्रशासकीय भूखण्ड भी बेच डाला

अनिल नामक भू-माफिया का कल्याणपुर क्षेत्र में सिक्का चलता है, चर्चा है कि महार्षि विद्या मंदिर स्कूल के पीछे
शासकीय भू-खण्ड तक का सौदा कर उसमें भी कब्जा करा दिया है। अनिल ने पूरा खेल राजस्व निरीक्षक के साथ
मिलकर खेला है, खसरा क्रमांक 183 के दो दर्जन से अधिक टुकड़ों में राजस्व के नियमों की अनदेखी करते हुए एवं
ग्राम तथा नगर निवेश की अनुमति के बिना प्लाटिंग करके बिक्री किया गया है। इसमें पटवारी एवं तहसीलदार की
भूमिका संदिग्ध है।
बिना प्रक्रिया पूरी हुए रजिस्ट्री की
कृषि भूमि को बिना भू-रूपांतरण कराए भू-माफिया नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से कृषि भूमि पर कॉलोनियां
काट रहा हैं और ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन भी सांठ-गांठ कर धड़ल्ले से रजिस्ट्री कर सरकार को
चूना लगा रहे है। संभागीय मुख्यालय से सटे कल्याणपुर ग्राम पंचायत में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने का
गोरखधंधा जोरों से चल रहा है, कृषि भूमियों का बिना भू-रूपांतरण किए भू-माफिया लगातार अवैध प्लाटिंग कर मोटे
दामों पर बेच रहा है।
सूचना को नहीं मिली तरजीह
पूर्व में चांपा ग्राम पंचायत में हुई अवैध प्लाटिंग के लिए पटवारियों ने समय-समय पर प्रशासन से अवगत कराया था।
लेकिन आरआई, तहसीलदार, एसडीएम सहित कलेक्टर ने समय रहते अवैध प्लाटिंग पर रोक नहीं लगाई। हैरानी की
बात तो यह है कि वर्तमान में कल्याणपुर में अनिल नामक भू-माफिया राजस्व निरीक्षक के साथ मिलकर खुला खेल-
खेल रहा है। लेकिन पूरा महकमा चुप्पी साधे बैठा है और भू-माफिया की पीठ ठोंक रहा है। जब प्रशासन के अधिकारी
इस तरह की कार्यशैली अपना रहे हैं तो फिर सुधार कैसेे हो सकता है।

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