प्रभारी के एक इशारे पर vip पर्यटन, और खुल जाते हैं रिसॉर्ट के ताले

0
उमरिया। मध्य प्रदेश और भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त कर चुके उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पहचान और यहां आने वाले सैलानियों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है हालांकि पार्क  प्रबंधन ने सैलानियों को अधिक से अधिक सुविधा देने और उनकी संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से समय-समय पर प्रयास किए हैं लेकिन इसके बाद भी छुट्टियों के दिनों में यहां पर्यटन करने आने वाले सैलानियों के बीच पार्क के अंदर की टिकट और वहां के भ्रमण के साथ ही महंगे- महंगे रिसॉर्ट में रहने और ठहरने के लिए रुपया खर्च करने के बाद भी जगह मिलना मुश्किल हो जाता है इन सब के बीच एक ऐसा नाम उभर कर इन दोनों सुर्खियों में आया है जिसके एक इशारे पर न सिर्फ मध्य प्रदेश टूरिज्म बल्कि बांधवगढ़ रिजर्व फॉरेस्ट एरिया के अधिकारी और कर्मचारी लाइन लगाकर खड़े रहते हैं बल्कि रिसोर्ट के मालिक और स्थानीय स्टाफ भी उनकी हां को ना में बदलने की हिम्मत नहीं रखते, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एरिया के ताला पुलिस चौकी के प्रभारी वीरेंद्र सिंह यादव एक ऐसा नाम है जो बीते एक दशक से यहां vip गेस्ट के बीच में खासा लोकप्रिय हो चुके है जब पार्क में प्रवेश के लिए सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तब ताला चौकी के प्रभारी का इशारा होना ही यहां प्रवेश के लिए काफी माना जाता है यही कारण है कि उमरिया में दर्जन भर पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी आए और चले गए लेकिन ताला के चौकी प्रभारी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई यह भी बताया जाता है कि सेवा भाव से तालाब चौकी प्रभारी सभी अधिकारियों का दिल जीत लेते हैं भले ही इसके लिए कायदों को तोड़ा मरोड़ा जाए लेकिन अधिकारियों का दिल जीतने और एक दशक से ताला चौकी की कुर्सी को बनाए रखने के लिए कोई गुरेज नहीं की जाती, हर बड़े मामलों से खुद को बचाने में माहिर ताला चौकी के प्रभारी उमरिया के पुलिस अधिकारी ही नहीं बल्कि शहडोल और भोपाल में बैठे गृह विभाग के आला अधिकारियों को भी वक्त पड़ जाए तो चुनौती देने में पीछे नहीं रहते यही कारण है कि स्थानीय होटल संचालक हो या फिर रिसॉर्ट के मालिक या फिर तलब थाना क्षेत्र अंतर्गत अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठित करोबारी शराब माफिया, खनिज माफिया, वन माफिया तथा अन्य संगठित गिरोह के तार चौकी पहुंचकर अपने आप को बौना साबित कर लेते हैं यह बात भी सामने आई की यहां जिस स्तर पर अपराधिक गतिविधियां होती हैं उनमें से महज कुछ प्रतिशत ही बाहर निकालकर आ पाती हैं बाकी सब  बड़े होटलों के कमरों में ही आलइज वेल हो जाती है फिलहाल ताला क्षेत्र में चौकी प्रभारी मध्य प्रदेश के गृह विभाग के तमाम रिकॉर्ड को चुनौती देते हुए लगभग एक दशक से काबिज बताए जाते हैं और फिलहाल दूर-दूर तक उनके खिलाफ कोई भी जांच या अधिनियम या गृह विभाग के आदेश उनको चुनौती देने में सक्षम नजर नहीं आ रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed