झूला पुल के तालाब रखरखाव बिना हो गए प्रदूषित

शहडोल। नगरपालिका ने नगरीय विकास का वह स्वरूप तैयार नहीं किया जिसकी नगर को आवश्यकता है। आज करोड़ों के लागत से बायपास रोड का नवीनीकरण कराया जा रहा है लेकिन नगर के अंदर की सड़कें व तालाब उपेक्षित पड़े हैं। नगरपालिका ने अब तक झूला पुल के तालाबों की न तो साफ सफाई कराई है न पुल व सड़क का जीर्णोद्धार कराया है। शहर के 19 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाना था, लेकिन उनके सौंदर्यीकरण के नाम पर केवल दो चार तालाबों को छोड़कर किसी तालाब का सौंदर्यीकरण नहीं कराया गया है। नगरपालिका से कई बार झूला पुलों के मरम्मत की चर्चा की गई और सड़क के जीर्णोद्धार की मांग की गई लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। झूला पुल के तालाबों से सड़ांध उठ रही है उनके पानी से पूरे बस्ती का वातावरण दूषित हो रहा है। नगरपालिका ने दो वर्ष पूर्व तालाबों की सफाई के लिए निर्णय लिया था लेकिन सफाई नहीं कराई गयी। बस्ती का गंदा पानी इसी तालाब में बहाया जाता है। जिससे तालाब बुरी तरह दूषित हो चुका है। नगरपालिका ने बस्ती के गंदे पानी के निकासी के लिए तालाब के बगल से एक नाला भी बनवाया था। लेकिन उस नाले की सफाई नहीं कराई जाने से वह भी भठ गया है। नगरपालिका की सफाई व्यवस्था काफी लचर है। नाला भठ जाने के कारण बस्ती की नालियों का पानी तालाब में घुसने लगा है। जिससे तालाब दूषित हो चुका है। झूला पुल की मरम्मत नहीं होने से उनकी हालत अब खस्ता हो चुकी है। पुल के फर्श उखड़ने लगे हैं। आगे की सड़क भी जर्जर हो चुकी है। यहां से दिनरात रेत से लदे ट्रक आवाजाही करते हैं, भारी भरकम मिक्सर मशीने ले जाई जातीं हैं। जब ऐसे भारी वाहन पुल से गुजरते हैं तो उसमें कंपन सी होती है। यहां से भारी वाहनों की आवाजाही भी नहीं रोक रहे हैं। पूर्व में नगरपालिका आश्वासन दे रही थी कि सड़क और पुल का ठेका दिया जा रहा है। जल्द ही टेण्डर किए जाएंगे अब नगरपालिका सब भूल गई है। उसे इस रोड पर शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है।