वन विभाग की लापरवाही की भेंट चढ गया नर हाथी
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वन विभाग की लापरवाही की भेंट चढ गया नर हाथी
अधिवक्ताओं ने डीएफओ, एसडीओ सहित वनकर्मियों के विरूद्व सौपा ज्ञापन
बीते पांच महीने से जिले की सीमा में वन्य प्राणियों की चहल कदमी बढी है। गनीमत यह है कि मनुष्य और जंगली जानवरो के बीच अब तक आपसी द्वंद का मामला सामने नही आया है, वही पूरे मामले में वन विभाग लापरवाही भी सामने आई है। जिसको लेकर जिला मुख्यालय के दो अधिवक्ताओं के द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को ज्ञापन सौपकर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।
अनूपपुर। एक फरवरी की सुबह जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कांसा में करंट की चपेट में आने से वयस्क दंतेल हाथी की मौत हो गई थी। शुरू में वनमंडलाधिकारी भी इस घटना को हादसा ही मान रहे थे, बाद में डॉग स्कावड के आने के पश्चात पूरे मामले ने अपना रूख बदल दिया। ग्रामीण लालजी कोल के घर की बाडी में हाथी की मौत हुई थी, शुरू में वह घरेलू विद्युत तार की चपेट में आने से हाथी की मौत होना बतला रहा था, बाद में खुलासा हुआ कि उसके द्वारा ही तार में करंट फैलाया गया था। वाहवाही लूटने के लिए आनन फानन में वन विभाग ने प्रकरण दर्ज करते हुए लालजी कोल को गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकरण के बाद से वन महकमे पर भी सवालिया निशान खडे होने लगे है। जिला मुख्यालय के वरिष्ठ अधिवक्ता जीवेन्द्र सिंह तथा अनूपपुर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष रामखेलावन राठौर ने कलेक्टर अनूपपुर को ज्ञापन सौपते हुए डीएफओ, एसडीओ, रेंजर तथा बीटगार्ड के विरूद्व प्रकरण दर्ज कराने की मांग की है। दोनो ने आरोप लगाया कि वन विभाग की निष्क्रीयता के कारण ही वन्य प्राणियों की मौत हो रही है।
सवाल यह भी है
जिले में बीते कुछ महीने में करंट लगाकर शिकार करने की संख्या में बढोत्तरी हुई है। नवंबर महीने में बिजुरी थाना अंतर्गत ऐसे ही करंट की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, औढेरा में भी यही हादसा घटित हुआ और शिकारी की मौत हो गई। पवित्र नगरी अमरकंटक में करंट की चपेट में आने से पंाच भैसो की मौत हो गई थी। यह सब वह मामले है जो सामने आये। इन प्रकरणों से एक बात का खुलासा हो रहा है कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी जंगल से सटे ग्रामों का दौरा और निरीक्षण सिर्फ कागजों में ही कर रहे है। कांसा ग्राम में भी घटित हुए हादसे में विभागीय अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण नही किया जाना सामने आया है।
किसकों कर रहे जागरूक
नर हाथी की मौत के बाद फुर्ती दिखाते हुए दूसरे जिले से चिकित्सक बुलवा कर हाथी का पीएम कराकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। आये दिन वन विभाग के द्वारा हाथियों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के संबंध में अखबारी इस्तहार जारी किये जाते है, कांसा ग्राम के अधिकांश ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों से अपने फसल और घर की सुरक्षा के लिए घर के चारो ओर फैलाया जा रहा है। हाथी मित्र दल भी जिले में निष्क्रीय हो चले है। एक तरफ तीन हाथी जिले की सीमा में विचरण कर रहे थे, जिनकी निगरानी के लिए कोई भी वनकर्मी क्षेत्र में मौजूद नही था, जिसका परिणाम यह निकला कि गांव की सीमा में हाथी प्रवेश कर गये और करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई।
न सर्वेक्षण और न ही मुआवजा
कांसा ग्राम में ही लालजी कोल के घर के सामने निवास करने वाले कृषक पटेल के घर के एक हिस्से को हाथियों के द्वारा तोड दिया गया था, वही मौहरी ग्राम के बैगा परिवार का घर हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। यह चंद उदाहरण ऐसे है, जहां अब तक वन विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारी सर्वे के लिए नही पहुंचे, जहां सर्वेक्षण हुआ भी वहां मुआवजे का भुगतान नही हो पाया। नुकसान के बाद भरपाई में होने वाली देरी की वजह से भी ग्रामीण अपने घरों की सुरक्षा स्वयं करने के लिए तरह-तरह के उपाये अपना रहे है। करंट भी इन्ही उपायो में से एक है। वन विभाग इस संबंध में ग्रामीणों को जागरूक कर पाने में असफल ही रहा है।