मैं तुमसे प्यार करता हूं,मेरी हो जाओ,तुम्हे मालामाल कर दूंगा… बोलने वाले जनपद सदस्य के खिलाफ दर्ज हुई FIR
शहडोल। अपने पैसे और पद के प्रभाव के फेर में कॉलेज की छात्रा को अपने वश में करने के लिए परेशान जनपद सदस्य विक्रम सिंह की यह मंशा तो पूरी नहीं हुई लेकिन पीड़ित किशोरी की शिकायत पर उसके खिलाफ प्राथमिक की जरूर दर्ज हो गई, शनिवार को ही पीड़िता ने शिकायत शहडोल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी थी और उसके बाद यह मामला महिला थाने में पहुंच गया, पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने जनपद सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करें मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने इन धाराओं के तहत दर्ज किया अपराध
पीड़ित किशोरी की शिकायत के बाद महिला थाने में आरोपी विक्रम सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 354 (क) तथा 354 (घ) के तहत अपराध कायम किया गया, वहीं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7 तथा धारा 8 के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम 1989 (संशोधन अधिनियम 1915) की धारा 3 (1)(w) व (ll )तथा 3(2)(va) के तहत अपराध कायम किया गया है, पुलिस ने प्राथमिक की में यह भी लिखा है की घटना 25 मई 2024 से 28 मई 2024 के बीच में करित हुई थी, मामले की प्राथमिक की 19 जुलाई को दर्ज की गई है।
यह थी किशोरी की शिकायत
पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में किशोरी ने उल्लेख किया कि मैं कॉलेज अध्ययनरत छात्रा हूँ, 24 मई 2024 को सुबह 11 बजे के लगभग समग्र आई.डी. के. वाई. सी. के संबंध में कार्यालय ग्राम पंचायत में विक्रम सिंह पिता वीरेन्द्र प्रताप सिंह (जनपद सदस्य) के बुलाने पर गई थी। कार्यालय में केवल विक्रम सिंह अकेले बैठे थे , वहाँ अन्य कर्मचारी नहीं थे। मैंने विक्रम सिंह से कहा कि समग्र केवाईसी ठीक कराना है , आप सचिव को बोलकर करवा दीजिए। विक्रम सिंह ने कहा ठीक है बैठो, आता ही होगा, मैं वहीं बैठ गई। कुछ देर बाद विक्रम सिंह बोले कि अंदर चलो एक जरूरी बात बताना है। मैं उनकी बात पर विश्वास कर अंदर कमरे में चली गई। कमरे में कुछ देर बाद बातचीत करते हुए विक्रम सिंह मेरे कंधे में हाथ रख दिए, इसके बाद वह मेरा हाथ सहलाने लगा। मैं उसकी हरकत से डर गई तथा मैं विरोध करते हुए बोली कि दादा आप क्या कर रहे हैं, यह तो गलत है। उसने कहा कि तुम चुप रहो, कुछ नही होगा, किसी को पता नहीं चलेगा। उसके खराब इरादे को मैं भांप चुकी थी और वहां से हाथ छुड़ाकर भागते-भागते अपने घर आ गई।
मुझे खुश कर दो कर दूंगा माला-माल
28 मई को रात्रि 9 बजे विक्रम सिंह का फोन मो.नं. 9826657187 से मेरे मोबाइल में फोन आया, तो बात की उसने शुरू-शुरू में बड़ी बात कर रहा था, मेरी तारीफ कर रहा था, कुछ देर बाद बोला कि मैं तुम्हे पसंद करता हूँ, तुम अच्छी हो मैं किसी से आज तक बात नहीं किया हूँ, लेकिन तुमसे बात कर रहा है। मोबाइल में बोला आई लय यू फिर अकेली में मिलने को कहा, मैं इसका विरोध की। अंत में बोली कि आज के बाद तुम मुझे फोन नहीं करना, तुम मेरा फोन नंबर कहाँ से पाए हो, अगर दुबारा मुझे फोन किया तो ठीक नहीं होगा। इसके बाद विक्रम सिंह 2-3 बार कालेज जाते समय रास्ते में बदतमीजी जैसे बात की, कहा कि तुम्हे जितना पैसा चाहिए ले लो, जमीन ले लो, मालामाल कर दूंगा, बस मुझे खुश कर दो।
यौन उत्पीडऩ की हो कार्यवाही
पीडि़ता ने पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में उल्लेख किया कि विरोध जताई उसने कहा कि यदि तुम मेरी बात नहीं मानोगी तो, मैं कुछ भी कर सकता हूँ। मैं इस डर से कालेज भी नहीं जा पाती, पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, ऐसी दशा में पुलिस को शिकायत करना मेरी मजबूरी बन गई, क्योंकि यह व्यक्ति भविष्य में किसी गंभीर वारदात को अंजाम दे सकता है। अपनी और अपने परिवार की मान मर्यादा को ध्यान में रखकर विलम्ब से शिकायत की, फरियादिया ने विक्रम सिंह पिता वीरेन्द प्रताप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का प्रयास के संबंध में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में किशोरी ने उल्लेख किया कि मैं कॉलेज अध्ययनरत छात्रा हूँ, 24 मई 2024 को सुबह 11 बजे के लगभग समग्र आई.डी. के. वाई. सी. के संबंध में कार्यालय ग्राम पंचायत में विक्रम सिंह पिता वीरेन्द्र प्रताप सिंह (जनपद सदस्य) के बुलाने पर गई थी। कार्यालय में केवल विक्रम सिंह अकेले बैठे थे , वहाँ अन्य कर्मचारी नहीं थे। मैंने विक्रम सिंह से कहा कि समग्र केवाईसी ठीक कराना है , आप सचिव को बोलकर करवा दीजिए। विक्रम सिंह ने कहा ठीक है बैठो, आता ही होगा, मैं वहीं बैठ गई। कुछ देर बाद विक्रम सिंह बोले कि अंदर चलो एक जरूरी बात बताना है। मैं उनकी बात पर विश्वास कर अंदर कमरे में चली गई। कमरे में कुछ देर बाद बातचीत करते हुए विक्रम सिंह मेरे कंधे में हाथ रख दिए, इसके बाद वह मेरा हाथ सहलाने लगा। मैं उसकी हरकत से डर गई तथा मैं विरोध करते हुए बोली कि दादा आप क्या कर रहे हैं, यह तो गलत है। उसने कहा कि तुम चुप रहो, कुछ नही होगा, किसी को पता नहीं चलेगा। उसके खराब इरादे को मैं भांप चुकी थी और वहां से हाथ छुड़ाकर भागते-भागते अपने घर आ गई।
मुझे खुश कर दो कर दूंगा माला-माल
28 मई को रात्रि 9 बजे विक्रम सिंह का फोन मो.नं. 9826657187 से मेरे मोबाइल में फोन आया, तो बात की उसने शुरू-शुरू में बड़ी बात कर रहा था, मेरी तारीफ कर रहा था, कुछ देर बाद बोला कि मैं तुम्हे पसंद करता हूँ, तुम अच्छी हो मैं किसी से आज तक बात नहीं किया हूँ, लेकिन तुमसे बात कर रहा है। मोबाइल में बोला आई लय यू फिर अकेली में मिलने को कहा, मैं इसका विरोध की। अंत में बोली कि आज के बाद तुम मुझे फोन नहीं करना, तुम मेरा फोन नंबर कहाँ से पाए हो, अगर दुबारा मुझे फोन किया तो ठीक नहीं होगा। इसके बाद विक्रम सिंह 2-3 बार कालेज जाते समय रास्ते में बदतमीजी जैसे बात की, कहा कि तुम्हे जितना पैसा चाहिए ले लो, जमीन ले लो, मालामाल कर दूंगा, बस मुझे खुश कर दो।
यौन उत्पीडऩ की हो कार्यवाही
पीडि़ता ने पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में उल्लेख किया कि विरोध जताई उसने कहा कि यदि तुम मेरी बात नहीं मानोगी तो, मैं कुछ भी कर सकता हूँ। मैं इस डर से कालेज भी नहीं जा पाती, पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, ऐसी दशा में पुलिस को शिकायत करना मेरी मजबूरी बन गई, क्योंकि यह व्यक्ति भविष्य में किसी गंभीर वारदात को अंजाम दे सकता है। अपनी और अपने परिवार की मान मर्यादा को ध्यान में रखकर विलम्ब से शिकायत की, फरियादिया ने विक्रम सिंह पिता वीरेन्द प्रताप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का प्रयास के संबंध में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।