श्रावण मास के तीसरे सोमवार को अमरकंटक में श्रद्धालुओ की उमड़ी भारी भीड़ ।

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गिरीश राठौड़ 

बोलबम के जयकारा से गूंज उठा नर्मदा उद्गम स्थल,जालेश्वर धाम ,नर्मदा मंदिर में सुबह से रही लंबी कतार ।

       अमरकंटक/ मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में हरियाली अमावस के दूसरे दिवस आज श्रावण शुक्ल पक्ष१ तीसरे सोमवार को कांवड़ियों , श्रद्धालुओ , भक्तों और पर्यटकों की हजारों की संख्या में भीड़ उद्गम स्थल पहुंची ।

नर्मदा उद्गम मंदिर क्षेत्र के आसपास पार्किंग की भारी समस्या देखने को मिली । पुलिस प्रशासन प्रातः से ही बड़ी मुस्तैदी से आवागमन को सुव्यवस्थित करने में लगा रहा । कई जगह वाहनों का रूट भी परिवर्तित किया गया । अमरकंटक थाना प्रभारी कलीराम परते ने बताया की आज की भीड़ ज्यादा होने की उम्मीद थी इसलिए अन्य थानों से 25 से 30 की संख्या में पुलिस बल बुलाया गया था । 

श्रावण मास के तीसरे सोमवार को कांवड़ियों की भीड़ खूब पहुंची तथा श्रावण सोमवार के पावन अवसर पर श्रद्धालु , भक्तजन भी भारी संख्या में पहुंचे । वाहनों की लंबी लंबी कतार रोड़ के दोनो किनारे और मंदिर पास पार्किंग स्थल खचाखच भरा पड़ा रहा । लोगो को जन्हा पार्किंग मिला वहीं वाहनों को पार्क कर नर्मदा नदी , घाटो में स्नान , पूजन कर मंदिर दर्शन किए । नर्मदा मंदिर में लंबी लंबी कतारें मां नर्मदा दर्शन हेतु भक्तों की देखी गई । 

अमरकंटक से लगभग 9 km दूर जालेश्वर धाम में शिव मंदिर में विराजमान भोले बाबा को जल चढ़ाने का काफी महत्व है , नर्मदा स्नान बाद लोग नर्मदा जल लेकर जालेश्वर धाम जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते है । काफी वर्ष पूर्व लोग उद्गम स्थल से स्नान पश्चात पात्र में जल भर कर बिना रुके , बिना हाथ वाला जल पात्र परिवर्तन किए सीधे पैदल पैदल चलकर शिवलिंग (जालेश्वर धाम) पर जल चढ़ाते थे । कांवड़िए अभी भी पैदल चलकर जाते नजर आते है , कई कांवड़िये वाहन पर साउंड बॉक्स में बोले बाबा का संकिर्तन बजाते और जयकारा लगाते संगीत की धुन पर चलते रहते है । भक्ति भाव से लोग आज भी पैदल और वाहन से पहुंच कर शिवलिंग पर जल ले जाकर अर्पण करते है । जालेश्वर धाम में मंदिर के बाहर तक भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली । भक्तो की अपार भीड़ से बोलबम के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था । 

अमरकंटक में आज श्रावण के तीसरे सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचे तथा अमरकंटक उद्गम से जालेश्वर धाम तक श्रद्धालुओ की मानो कतार सी लगी रही । लोग वाहन से , पैदल से महिला , पुरुष , बच्चे जिससे जैसा बना सब भोले बाबा के दर्शन करने को आतुर थे । जालेश्वर धाम क्षेत्र में श्रावण मास में खीर और पुड़ी के प्रसाद का एक अलग लोगो के भाव में बसता है । जालेश्वर धाम के संत अन्नपूर्णा मंदिर और मां दुर्गा मंदिर में संतो द्वारा प्रसाद का वितरण चलता रहता है । 

अमरकंटक पधारे कांवड़ियों हेतु श्रावण मास के पूरे दिवस में मृत्युंजय आश्रम , खेडिया धर्मशाला आदि आश्रमों , स्थानों में रुकने की व्यवस्था रहती है । 

पूर्व सांसद प्रतिनिधि प्रकाश द्विवेदी ने बताया की ट्रस्ट की हुई मीटिंग में हमने प्रशासन को कहा की कांवड़ियों हेतु शासन प्रशासन की तरफ से उद्गम से लेकर बस स्टेंड तक कन्हि रुकने की व्यवस्था नहीं है , साथ ही जल की भी कोई व्यवस्था नहीं है । येसे में अमरकंटक आने वाले श्रद्धालु , भक्तजनो को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है । इस ओर ध्यान दिया जाय ।

अमरकंटक / श्रवण उपाध्याय

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