नियमों के विपरीत संचालित हो रहा राय स्टोन क्रेशर
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वातावरण को दूषित कर अपने कारोबार को अंजाम दे रहा राय स्टोन क्रेशर
नियमों के विपरीत संचालित हो रहा राय स्टोन क्रेशर
केशर से उड़ रहा डस्ट व धूल का गुब्बार, वन और पर्यावरण को नुकसान
पूर्व में मिली थी नोटिस, फिर भी एनओसी के विपरीत चल रहा कारोबार
ग्राम छीरापटपर में हरे-भरे पेड-पौधों की बहुलता है, मुख्य मार्ग के दोनो ओर वन भूमि में लाखों पौधे पर्यावरण को शुद्व बनाये रखने में अपनी भूमिका निभा रहे है, वही मुख्य मार्ग के किनारे नयमों के विपरीत संचालित राय स्टोन के्रशर पूरे वातावरण को दूषित कर अपने कारोबार को अंजाम दे रहा है। क्रेशर से निकलने वाली डस्ट और धूल के गुब्बार पेड-पौधो सहित ग्रामीणों को शनै:शनै: मौत का सफर करा रही है।
अनूपपुर। जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र ग्राम छीरापटपर में संचालित राय स्टोन क्रेशर में पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से न तो सघन पौधरोपण कराया गया है और नही स्टोन क्रेशन में सुबह और शाम पानी की सिंचाई किया जाता है, संचालित स्टोन क्रेशर में अधिकांश नियमों की अनदेखी की जा रही है। यहां से उडऩे वाली डस्ट को रोकने के लिए कोई भी विशेष कारगर उपाये नही किया गया है। जिसके कारण आस-पास के क्षेत्र में धूल के रूप में डस्ट के गुब्बार चहुओर नजर आते है। वहीं जिम्मेदार विभागों के द्वारा न तो स्टाक की जांच की जाती है और नही प्लांट में किस तरह के नियमों की अनदेखी की जा रही है, इसका भी निरीक्षण कर जायजा लिया जाता है।
खतरे के बीच मजदूरों की जिंदगी
राय स्टोन क्रेशर में दर्जनभर मजदूर प्रतिदिन कार्य करते है, उनके पास सुरक्षा के कोई उपकरण नही है और नही डस्ट व धूल से बचने के कोई किट व सामग्री उपलब्ध है। ऊंचाई से पत्थर को डग में प्रवेश करने के लिए खुला छोड दिया गया, जहां मजदूर जान को जोखिम में डालकर कार्य करते है। संचालित प्लांट में एक भी मजदूर के पास किसी भी तरह के सुरक्षा उपकरण नही पाये जाते है। क्रेशर संचालक व्यापार को कई गुना बढाने के लिए गरीब मजदूरो का शोषण कर अपने कारोबार को अंजाम दे रहा है वही जिम्मेदार विभाग चंद कमीशन के फेर में अपने जिम्मेदारियों से मुंह फेर ले रहा है।
मुख्य मार्ग एवं वन क्षेत्र में मिली एनओसी
ग्राम छीरापटपर के मुख्य मार्ग में संचालित राय स्टोन क्रेशर वनो के भी बीच में है। कुछ भूमि पट्टे की होने की वजह से क्रेशर स्थापित है, परंतु वन भूमि से सटी पट्टे की भूमि व मुख्य मार्ग में क्रेशर संचालन के लिए एनओसी मिलना प्रश्न चिन्ह को जन्म देता है। राजनीतिक दबाव व खनकती चंादी के सिक्को की वजह से नियमों के विपरीत कार्य अक्सर देखे गये है, शायद यही कारण है कि राय स्टोन क्रेशर वनांचल क्षेत्र व मुख्य मार्ग में संचालित है। इतना ही नही आस-पास के घरो में रहने वाले ग्रामीणों की जिंदगी धूल और डस्ट में बीतने को मजबूर है। कुल मिलाकर राय स्टोन क्रेशर की एनओसी रद्द कर देना चाहिए, जिससे लोगों व वातावरण को राहत मिल सके।
नही किया जा रहा है नियमों का पालन
स्टोन के्रशर संचालन के लिए कई नियमों का पालन करना होता है, एनओसी को किसी तरह प्राप्त कर लिया जाता है, परंतु उल्लेखित शर्तो को पूर्ण न करते हुए मनमाने तरीक से क्रेशर का संचालन किया जा रहा है। राय स्टोन क्रेशर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनने वाली समिति से स्थल का चयन और जांच करानी चाहिए। आवेदक के पास अपना पट्टा है या फिर किसी दूसरे पट्टाधारक से अनुबंध है इसके नियमों की जांच होनी चाहिए। साथ ही स्टोन क्रेशर लगाने के लिए, पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 के तहत तय उत्सर्जन मानदंडों का पालन हो रहा है या नही इसकी सघनता से जांच होनी चाहिए। धूल कम करने के लिए, पर्याप्त प्रदूषण नियंत्रण उपकरण न होने के बाद भी संचालित होना कई सवाल खडे करते है। वहीं स्टोन के्रशर में, कच्चा माल कानूनी स्रोतों से खरीदा गया या नही, श्रमिकों का स्वास्थ्य सर्वेक्षण अर्द्धवार्षिक रूप से हो रहा है या नही सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल हो रहा है या नही इन सभी पहलुओं की जांच आवश्यक है।
इनका कहना है
हम निरीक्षण में जायेंगे, अगर किसी भी तरह की कमिया पाई जायेगी तो कार्यवाही अवश्य की जायेगी।
ईषा वर्मा, खनिज अधिकारी
प्रभारी, जिला अनूपपुर
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पूर्व में नोटिस दिया गया था, उसके बाद व्यवस्था को दुरूस्थ कराया गया था, एक बार पुन: हम निरीक्षण करेंगे, यदि फिर कमियां पाई जाती है तो कार्यवाही की जायेगी।
बी.एम. पटेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल