एक ने गोली चलाई , दूसरे ने टूल्ली होकर ठोक दी सरकारी गाड़ी @ जनता ने भी खुलकर तोड़ा कानून
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(अनिल तिवारी)
शहडोल। जिले की कानून व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है, बीते सप्ताह पुलिस लाइन में ही एक आरक्षक ने शराब के नशे में टूल्ली होकर दनादन 20 राउंड गोलियां चला दी थीं, सप्ताह बीटा भी नहीं की बुढार थाना क्षेत्र में कोयले का अवैध उत्खनन का बड़ा मामला सामने तब आया जब वर्दीधारी ही चोरी छुपे कोल माफिया को संरक्षण दे रहे थे और कोयले का अवैध खनन बड़े पैमाने पर चल रहा था, दो मौतों ने इस मामले को सतह पर लाकर रख दिया है, बावजूद इसके शहडोल पुलिस विभाग में किसी भी वर्दी धारी के खिलाफ ना तो कोई नोटिस जारी हुआ और नहीं कोई कार्यवाही जमीन स्तर पर होती नजर आई।
बीती रात एक बार फिर पुलिस अधीक्षक शहडोल के आवास के ठीक सामने माह भर पहले की कहानी फिर दोहराई गई, यहां इस बार कोई और नहीं बल्कि एक वर्दी धरी ने ही शराब के नशे में टूल्ली होकर स्कूटी चालक को ठोकर मार दी और फिर गाड़ी खंबे से टकरा दी, आजाक थाना शहडोल में पदस्थ देवेंद्र सरिवान नामक पुलिसकर्मी ने देर रात में घटना कारित की तो लोग वहां पर इकट्ठे हो गए और उसे भला बुरा कहने लगे, हालांकि देवेंद्र सरिवान की गलती इतनी ही थी कि वह शराब के नशे में था और वर्दी पहने हुए था और उसने दुर्घटना कारित कर दी, लेकिन उसके बाद जो हुआ वह और भी ज्यादा शर्मनाक था, दर्जनों लोग खुद को पुलिस और जज मानकर वही कार्यवाही और फैसला करने लगे, इसी दौरान शहडोल कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक शैलेंद्र वहां से गुजर रहे थे, भीड़ भाड़ को देखकर वर्दीधारी के साथ हो रही झूमा झपटी को सुलझाने के लिए मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा।
पुलिस अधीक्षक के आवास के सामने कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत पुलिस कंट्रोल रूम से महज कुछ 100 मीटर की दूरी पर ही जमकर बवाल कटता रहा, लोगों ने जमकर पुलिस को कोसा, वर्दी में गाड़ी ठोकने वाले पुलिसकर्मी से अभद्रता की, गालियां बकी झूमा झपटी भी कि उसे सरेराह गलियों से भी नवाजा और लोग सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर वायरल करते रहे।
बीती रात से ही आज सुबह तक लगातार सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो वायरल होते रहे, जिससे शहडोल पुलिस की जमकर किरकिरी और फजीहत हुई, वैसे भी शहडोल पुलिस दो से तीन माहों में फजीहत बटोरने में पीछे नहीं रही, बुढ़ार में कोयले से दबने से दो की मौत के अलावा शहडोल में कबाड़ के गिरोह के द्वारा बनाया गया एक बड़ा सिंडिकेट और वर्दी का संरक्षण अब जन चर्चा का विषय बन चुका था, वही पुलिसकर्मी के द्वारा दागी गई गोलियों और पूर्व पुलिस अधीक्षक के तबादले के बाद लंबा समय हो जाने के बाद भी किसी पुलिस अधिकारी का कहीं तबादला ना होना , कहीं नई व्यवस्था लागू न होना पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहा था, लेकिन बीती रात जो हुआ वह आज तक शहडोल के इतिहास में कभी नहीं हुआ, पुलिस कर्मी के साथ जिस तरह दुर्व्यवहार आम जनता ने किया, उसे गंदी गलियों से नवाजा गया ,वह भी सरे राह उसे जमकर पुलिस की फजीहत हुई जो शायद ही गंगाजल से भी न धूल सके।