जैतपुर में युवक को खंभे से बांधकर लोहे की रॉड से पीटा, परिजनों का आरोप – दबंगों को बचा रही पुलिस

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शहडोल/जैतपुर। जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दो सगे भाइयों को रास्ते से अगवा कर घर के अंदर खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। पीड़ितों की पहचान असफाक खान और उनके छोटे भाई सरफराज खान के रूप में हुई है। घटना 6 जुलाई की शाम की है, लेकिन परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में गंभीर धाराएं नहीं जोड़ रही और दबंगों को खुली छूट दे रही है।

पीड़ित परिवार ने इस संबंध में एसडीओपी धनपुरी को एक लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि ग्राम सेजहाई के रहने वाले बीर विक्रम सिंह उर्फ गोलू और उसका साथी प्रियांशू सिंह ने पहले से रंजिश के चलते इस पूरी घटना को अंजाम दिया। आरोप के मुताबिक, जब सरफराज अपने मित्रों के साथ हथगला में मोहर्रम देखने जा रहे थे, तभी डोंगरीटोला तिराहा के पास दोनों आरोपियों ने उन्हें रोक लिया, गाली-गलौज की और मारपीट शुरू कर दी। यहीं से उसे जबरन खींचते हुए ग्राम सेजहाई ले जाया गया।

परिजनों ने बताया कि गांव पहुंचने पर सरफराज को बीर विक्रम के घर के अंदर खंभे से बांध दिया गया और लोहे की रॉड व हाथ में पहने लोहे के चूड़े से सिर, हाथ और पैरों पर बेरहमी से वार किए गए। इस हमले में सरफराज के सिर पर 3-4 जगह गंभीर चोटें आईं, जिन पर टांके लगाने पड़े। सरफराज को जान से मारने की धमकी दी गई और जब उसने किसी तरह भाई असफाक को फोन कर बुलाया, तो आरोपियों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। असफाक के बाएं हाथ में गंभीर फ्रैक्चर हुआ है।

शिकायत में यह भी बताया गया है कि जब दोनों भाई अचेत हो गए तो आरोपियों ने कहा कि “अब इनको खत्म कर दो”, लेकिन जैसे ही वे हथियार लेने अंदर गए, दोनों किसी तरह जान बचाकर मोटरसाइकिल से जैतपुर भाग आए। परिजनों का दावा है कि यदि वे वहां रुक जाते तो उनकी हत्या कर दी जाती।

पीड़ितों ने बताया कि आरोपी बीर विक्रम सिंह के पिता प्रमोद सिंह उर्फ रामप्रमोद का क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक दबदबा है, जिसे लेकर वह खुलेआम कहता है कि “पुलिस को मैं संभाल लूंगा, जो करना हो कर लो।” यही वजह है कि इतनी गंभीर घटना के बावजूद जैतपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सिर्फ साधारण धाराओं में मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट में लोहे की रॉड और फाइवर चूड़े की जगह लाठी-डंडा लिख दिया गया है, जिससे मामला हल्का दिखाया जा रहा है।

पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण हो चुका है, लेकिन कार्रवाई न होने से वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। परिवार का कहना है कि अब तक न तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और न ही कोई ठोस जांच हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भी रोष है। उनका कहना है कि यदि समय पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसे दबंगों के हौसले और बुलंद हो जाएंगे। पीड़ित परिवार ने एसडीओपी धनपुरी से मामले की निष्पक्ष जांच कराकर बीर विक्रम सिंह और प्रियांशू सिंह के खिलाफ आईपीसी की सख्त धाराओं में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन दबंगों के प्रभाव में दबेगा या पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष कार्रवाई करेगा।

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