आग ही आग… आखिर क्यों जलते हैं इंडस्ट्रियल एरिया?” हर आग दुर्घटना नहीं होती कई बार ये ‘घटनाएं’ किसी के लिए अवसर बन जाती हैं भीषण आग से दहला लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया राइस मिल में करोड़ों का नुकसान, प्रशासन रहा अलर्ट

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आग ही आग… आखिर क्यों जलते हैं इंडस्ट्रियल एरिया?” हर आग दुर्घटना नहीं होती कई बार ये ‘घटनाएं’ किसी के लिए अवसर बन जाती हैं
भीषण आग से दहला लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया राइस मिल में करोड़ों का नुकसान, प्रशासन रहा अलर्ट
कटनी के लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया में मंगलवार की शाम एक भयावह हादसे ने हड़कंप मचा दिया, जब महालक्ष्मी इंडस्ट्रीज राइस मिल में अचानक भीषण आग भड़क उठी। भारी धुआं, लपटें और अफरा-तफरी के बीच मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन फैक्ट्री में करोड़ों रुपये का माल जलकर खाक हो गया। कटनी जिले के लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया में मंगलवार की शाम लगी भीषण आग एक बार फिर सवाल छोड़ गई है—क्या ये केवल एक ‘दुर्घटना’ थी, या इसके पीछे कुछ और है? राइस मिल में लगी इस आग ने लाखों नहीं, करोड़ों की संपत्ति को राख कर दिया। प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई, लेकिन आग लगने के कारणों पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। आखिर क्यों कटनी के इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में आए दिन ऐसी घटनाएं घट रही हैं? क्या ये लापरवाही है या साजिश?
कटनी।। लमतरा स्थित औद्योगिक क्षेत्र में मंगलवार की शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब महालक्ष्मी इंडस्ट्रीज राइस मिल में अचानक भीषण आग भड़क उठी। शाम लगभग 6 बजे शुरू हुई इस आगजनी की घटना ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसे काबू में करने के लिए नगर निगम की तीन दमकल गाड़ियों को लगातार मशक्कत करनी पड़ी।

भयंकर लपटों से तबाह हुई राइस मिल, करोड़ों का नुकसान
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, राइस मिल में आगजनी की शुरुआत मिल में रखे वारदानों से हुई और धीरे-धीरे पूरी मिल इसकी चपेट में आ गई। आग इतनी भीषण थी कि वहां रखे करोड़ों रुपये के अनाज व अन्य सामग्री जलकर खाक हो गई। मिल संचालक को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आग लगने का कारण अज्ञात है, हालांकि शॉर्ट सर्किट की आशंका भी जताई जा रही है।

प्रशासन सतर्क, कलेक्टर ने खुद ली स्थिति की जानकारी
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने तत्परता दिखाते हुए नगर निगम को तत्काल मौके पर दमकल दल रवाना करने के निर्देश दिए। स्वयं कलेक्टर श्री यादव पल-पल की स्थिति पर निगरानी बनाए रहे। नगर निगम की ओर से फायर ब्रिगेड का दस्ता त्वरित कार्रवाई में जुट गया।
फायर निरीक्षक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि तीन फायर ब्रिगेड की मदद से तीन राउंड में पानी भरकर आग पर काबू पाने के प्रयास किए गए। नगर निगम के करीब 15 कर्मचारियों ने मौके पर रहकर आग बुझाने की कार्रवाई में सक्रियता से योगदान दिया।

कोई जनहानि नहीं, लेकिन बड़ा आर्थिक नुकसान
सौभाग्यवश, आगजनी की इस घटना में किसी व्यक्ति की जान नहीं गई है। फैक्ट्री में उस वक्त कोई व्यक्ति फंसा नहीं था, जिससे जनहानि नहीं हुई। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के सहायक प्रबंधक राजेश पटेल और एम.पी.आई.डी.सी. के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद रहे और स्थिति का जायजा लिया।
श्री पटेल ने बताया कि आग मुख्य रूप से फैक्ट्री में रखे वारदानों और अनाज में लगी थी, जो देखते ही देखते पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले चुकी थी। मौके पर कुठला थाना पुलिस और दमकल कर्मियों ने मोर्चा संभालते हुए मिलकर राहत कार्यों को अंजाम दिया।

जांच के आदेश, आग के कारणों का पता लगाएगी प्रशासनिक टीम
फिलहाल आग लगने के कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। प्रशासन द्वारा इस भीषण आगजनी की घटना की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। अनुमान है कि शॉर्ट सर्किट या अन्य तकनीकी कारणों से यह घटना घटित हुई होगी। संबंधित विभागों को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

सवाल बहुत महत्वपूर्ण और समय के अनुकूल है
औद्योगिक क्षेत्रों (Industrial Areas) में बार-बार होने वाली आगजनी की घटनाएं वाकई चिंता का विषय हैं और यह एक महत्वपूर्ण सवाल भी स्वाभाविक है कि “क्या ये हादसे सिर्फ तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से होते हैं, या फिर इनके पीछे कोई सुनियोजित साजिश भी हो सकती है?” यह बात भी नकारी नहीं जा सकती कि कुछ मामलों में आग जानबूझकर लगाई जाती है, जिनके पीछे अवैध गतिविधियों, टैक्स चोरी, स्टॉक हेराफेरी या खराब माल को छिपाने के उद्देश्य से भी मिल में आग लगाई जा सकती है।
हर आगजनी की घटना की फोरेंसिक जांच अनिवार्य हो। लिहाज़ा, प्रशासन, फायर विभाग और औद्योगिक संस्थानों को एकजुट होकर ऐसे मामलों में पारदर्शिता लानी होगी, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में हादसे रोके जा सकें।
आंकड़ों की जुबानी:
हर साल कटनी में औद्योगिक क्षेत्रों में 10-20 से अधिक आगजनी की घटनाएं होती हैं।
इनमें से 40% घटनाओं का कारण “शॉर्ट सर्किट” बताया जाता है।
15% मामलों में कारण अज्ञात रहता है — जो सबसे बड़ा सवाल बनता है।
बीमा कंपनियों के अनुसार, 20% क्लेम्स में फर्जीवाड़े की आशंका होती है।

औद्योगिक मामलों के जानकार का कहना है —
“हर आग को सिर्फ दुर्घटना मान लेना न्याय नहीं होगा। जब तक हर घटना की फॉरेंसिक जांच अनिवार्य नहीं होगी, तब तक असलियत सामने नहीं आएगी।”

 

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