शहडोल जिले को मिला गौरव: कलेक्टर डॉ. केदार सिंह और उनकी टीम को ‘सिल्वर मेडल’ से सम्मानित

नीति आयोग ने इस अभियान के दौरान विभिन्न जिलों और विकासखंडों में निर्धारित 6 प्रमुख इंडिकेटर्स (सूचकांकों) पर कार्य करने का लक्ष्य रखा था। शहडोल जिले के पाली-1 (गोहपारू) विकासखंड ने इसमें बेहतरीन प्रदर्शन किया और 6 में से 5 इंडिकेटर्स में शत-प्रतिशत सैचुरेशन हासिल किया। इसी उपलब्धि के चलते जिले को इस राष्ट्रीय स्तर की पहल में विशेष पहचान मिली और कलेक्टर डॉ. केदार सिंह तथा उनकी टीम का नाम सिल्वर मेडल अवॉर्ड के लिए चयनित किया गया।
सम्मान समारोह में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के साथ पाली-1 विकासखंड की टीम भी मौजूद रही। टीम में तत्कालीन एसडीएम श्रीमती प्रगति वर्मा, परियोजना अधिकारी गोहपारू श्रीमती सतवंत कौर, एवं कृषि विभाग गोहपारू के एसएडीओ श्री सी. वी. बागरी शामिल थे। टीम के सभी सदस्यों ने मिलकर जिले में निर्धारित सूचकांकों की पूर्णता सुनिश्चित की और विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में बताया गया कि संपूर्णता अभियान का उद्देश्य आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, आधारभूत ढांचा और आजीविका जैसे क्षेत्रों में समग्र विकास को गति देना था। शहडोल जिले के पाली-1 ब्लॉक ने इन क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभों की सुलभता को सुनिश्चित किया। विशेषकर पोषण, स्वास्थ्य सेवाओं और कृषि सुधारों में टीम ने उल्लेखनीय काम करते हुए लक्ष्य को समयसीमा के भीतर पूरा किया।
इस अवसर पर राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि शहडोल जिले की यह उपलब्धि प्रदेश के अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायक है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा कि यह उपलब्धि पूरी टीम के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जिले के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मिलकर अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया और जनता की सक्रिय भागीदारी से ही इस सफलता को हासिल किया गया।
नीति आयोग की इस पहल में शहडोल जिले की कामयाबी ने न केवल जिले का बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है। अब जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है कि भविष्य में भी विकास के लक्ष्यों को इसी तरह पूरा करते हुए राज्य और देश के विकास में योगदान दें।