पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल:मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन पर संगोष्ठी आयोजित

कार्यक्रम में मूर्तिकार द्वारा छात्राओं को छोटी मूर्तियाँ बनाने की कला का प्रदर्शन करते हुए पर्यावरण हितैषी मूर्तियों के निर्माण की प्रक्रिया समझाई गई। इस दौरान छात्रों को परंपरा और आधुनिकता का संतुलन साधते हुए प्रदूषण रहित मूर्ति निर्माण की विधि सिखाई गई।
प्राकृतिक मिट्टी व रंगो का करें उपयोग
क्षेत्रीय अधिकारी मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि प्लास्टर ऑफ पेरिस और रासायनिक रंगों से बनी मूर्तियाँ जलस्रोतों को प्रदूषित करती हैं, इसलिए प्राकृतिक मिट्टी व रंगों का उपयोग आवश्यक है। इसी क्रम में बी.एम.पटेल, विश्वनाथ वर्मा, सुश्री शालिनी, सुभाष निगम और कामता प्रसाद ने भी विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया।

विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती साधना जैन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छात्राएं ही समाज में पर्यावरणीय जागरूकता की सबसे बड़ी वाहक बन सकती हैं।
कार्यक्रम में कक्षा 11वीं और 12वीं की छात्राओं सहित विद्यालय का स्टाफ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अमला एवं स्थानीय मूर्तिकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।