मौत का सौदा: ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला, दवा की दुकानों में अवैध क्लीनिक

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(जय प्रकाश शर्मा)
मानपुर।ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टर मौत का व्यापार कर रहे हैं। बिजौरी, बांधवगढ़, ताला और आसपास के गांवों में बिना अनुमति के खुले क्लीनिक और दवा दुकानों में इलाज का गोरखधंधा चल रहा है। हालत यह है कि चाय की गुमटियों जैसे छोटे-छोटे ठिकानों पर भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
गांव-गांव में फैल रहा झोलाछापों का नेटवर्क
बिजौरी क्षेत्र में विनय राय, ताला में कथित बंगाली डॉक्टर गांगुली, डोभा में सोमू बंगाली, देवरी में संदीप साना सहित कई लोग बिना किसी मान्यता के इलाज कर रहे हैं। ये कथित चिकित्सक उल्टी-दस्त से लेकर बुखार, खांसी और गंभीर बीमारियों तक का इलाज करने का दावा करते हैं।
अवैध जांच और ऑपरेशन का धंधा
सूत्रों के अनुसार, कई अवैध क्लीनिकों में ऑपरेशन, खून और यूरिन जांच जैसी गतिविधियाँ भी की जा रही हैं। दर्जनों गांवों में बिना परमिशन और ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण और बिक्री हो रही है। दुकानों के भीतर कार्टनों में भरी दवाएं खुलेआम मरीजों को दी जा रही हैं।
गरीब मरीजों से वसूली
इन झोलाछाप डॉक्टरों का पहला इलाज ग्लूकोज की बोतल चढ़ाना है। एक बोतल के नाम पर 200 से 400 रुपये वसूले जाते हैं। इंजेक्शन और गोलियों के साथ मरीज से 1500 रुपये तक वसूली की जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण मजबूरी में इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को विवश हैं।
केस बिगड़ने पर रेफर
मरीज की हालत बिगड़ते ही इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। कई मामलों में लापरवाही के कारण मरीजों की मौत भी हो चुकी है। हाल ही में मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हुई थी।
स्वास्थ्य विभाग मौन
स्वास्थ्य विभाग की आंखों के सामने यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, लेकिन अब तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने उमरिया जिले के कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल सख्त कदम उठाने की मांग की है।

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