दीपों की ज्योति और भक्ति रस से महका गणेश चौक बना भक्ति का तीर्थ.पंचमहाआरती में गूंजे गणपति बप्पा मोरया जनसैलाब में उमड़ा आस्था का महासागर भक्तिभाव महाप्रसाद संग देर रात तक चलता रहा उत्सव

दीपों की ज्योति और भक्ति रस से महका गणेश चौक बना भक्ति का तीर्थ.पंचमहाआरती में गूंजे गणपति बप्पा मोरया जनसैलाब में उमड़ा आस्था का महासागर भक्तिभाव महाप्रसाद संग देर रात तक चलता रहा उत्सव
“जब सिविल लाइन गणेश चौक पर स्थित श्री श्री 1008 विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की विशालकाय प्रतिमा के सम्मुख दीपों की पंक्तियाँ झिलमिलाईं, घंटे-घड़ियाल की गूँज आसमान में समाई और हजारों श्रद्धालुओं के कंठ से ‘गणपति बप्पा मोरया’ का जयघोष हुआ, तब लगा मानो सम्पूर्ण कटनी नगर भक्ति सागर में डुबकी लगाकर पुण्यलाभ अर्जित कर रहा हो। पंचमहाआरती का यह दिव्य दृश्य न केवल नगर का अद्भुत आध्यात्मिक संगम बना बल्कि भक्तों के जीवन को धर्म और आनंद से परिपूर्ण कर गया।”
श्री गणेशाय नमः”वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”
कटनी।। सिविल लाइन गणेश चौक स्थित श्री श्री 1008 विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की विशालकाय प्रतिमा के समक्ष पंचमहाआरती का भव्य आयोजन हुआ। यह महाआरती श्री शंकर जी मधई मंदिर एवं श्री श्री 1008 दक्षिण मुखी बड़े हनुमान जी मंदिर के सौजन्य से संपन्न हुई। गणेश चौक का पावन धाम इस अवसर पर दीपों की ज्योति, घंटे-घड़ियाल की ध्वनि और “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष से गूंज उठा। हजारों की संख्या में कटनी नगर की धार्मिक जनता ने यहां पहुंचकर अपने जीवन को पुण्य और आस्था से परिपूर्ण किया।
विशाल प्रतिमा बनी आस्था का केंद्र
कटनी नगर के प्रमुख आकर्षण श्री श्री 1008 विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की विशालकाय प्रतिमा पर भक्ति और श्रद्धा का अपार सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने आरती में सम्मिलित होकर न सिर्फ दिव्यता का अनुभव किया बल्कि अपने जीवन को धर्म लाभ से धन्य बनाया।
महाआरती एवं महाप्रसाद
इस पंचमहाआरती में मधई मंदिर जी के मुख्य पुजारी एवं दक्षिण मुखी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी जी द्वारा विधिविधान से दीप प्रज्वलित कर महाआरती सम्पन्न की गई। आरती के उपरांत महाप्रसाद का वितरण किया गया, जिसमें देर रात तक श्रद्धालु शामिल होते रहे। कटनी नगर का प्रत्येक भक्त, चाहे वृद्ध हो या युवा, महिला हो या बालक सभी ने इस भक्ति रस में अपनी डुबकी लगाई। देर रात तक चले इस आयोजन में नगर के हर कोने से आए श्रद्धालुओं ने धर्म, भक्ति और आस्था का अनुपम संगम देखा।
“सदा सर्वदा मंगल प्रदायक,
विघ्नहर्ता गणनायक।
तेरे चरणों में शीश नवाऊँ,
जय गणेश जगपायक॥”
कटनी नगर की धार्मिक परंपरा और भक्ति भावना को एक सूत्र में पिरोते हुए यह पंचमहाआरती आयोजन भक्तिमय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित हो गया।“रात गहराती रही, पर आस्था का उत्साह घटा नहीं। दीपों की रौशनी और भजन-कीर्तन की गूंज ने गणेश चौक को देवलोक जैसा पावन बना दिया। श्रद्धालु महाप्रसाद का आनंद लेते हुए प्रभु विघ्नहर्ता के चरणों में शीश नवाकर अपने जीवन को कृतार्थ करते रहे। इस पंचमहाआरती ने यह सिद्ध कर दिया कि कटनी नगर केवल एक स्थान नहीं, बल्कि भक्ति, परंपरा और दिव्य उत्साह का जीवंत धाम है, जहाँ हर हृदय गणपति बप्पा की महिमा में डूबकर अपने जीवन को पुण्यमय बना लेता है।