लक्ज़री कार में शराब तस्करी पुलिस ने किया पर्दाफाश,शराब माफियाओं की कारगुज़ारी बेनकाब,25 पेटी शराब जब्त, चालक फरार

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लक्ज़री कार में शराब तस्करी पुलिस ने किया पर्दाफाश,शराब माफियाओं की कारगुज़ारी बेनकाब,25 पेटी शराब जब्त, चालक फरार
कटनी।। जिले में शराब तस्करी का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार अलसुबह कोतवाली पुलिस ने संत नगर क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए पुलिस स्टीकर लगी इनोवा कार से 25 पेटी अवैध शराब जब्त की। गाड़ी का चालक मौके से फरार हो गया। जब्त शराब की कीमत करीब 2 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस ने अहमदनगर निवासी रिज़वान अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गाड़ी करीब दो साल पहले एक पुलिस आरक्षक के नाम पर थी, जिसे बेचने के बाद भी उस पर पुलिस का स्टीकर लगा रहा। इस पूरे मामले ने एक बार फिर ठेकेदारों और पुलिस की कथित सांठगांठ पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि शराब माफियाओं को संरक्षण देने वाले असली चेहरों तक पुलिस कब पहुंचती है।
कटनी। जिले में शराब तस्करी का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार अलसुबह कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर संत नगर क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस स्टीकर लगी इनोवा कार से 25 पेटी अवैध शराब जब्त की। कार ज़ब्त होते ही उस पर चस्पा “पुलिस” का स्टिकर हटा दिया गया। सूत्रों के अनुसार, इनोवा गाड़ी (क्रमांक MP21BA0644) उमरिया पान से भारी मात्रा में शराब लेकर कटनी लाई जा रही थी और यहां अवैध रूप से पेकारियों तक पहुँचाने की तैयारी थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही चालक कार लॉक कर भाग निकला। जब्त शराब में देशी और विदेशी दोनों तरह की ब्रांड शामिल हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 2 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में अहमदनगर निवासी रिज़वान अहमद के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि करीब दो साल पहले यह इनोवा गाड़ी एक पुलिस आरक्षक के नाम पर थी। बाद में इसे बेच दिया गया, लेकिन नए मालिक ने गाड़ी पर पुलिस का स्टिकर यथावत रखा, जिससे नाकों पर जांच से आसानी से बच निकलना संभव हो रहा था।


ठेकेदारों की संलिप्तता पर उठे सवाल
इस घटना ने जिले में शराब ठेकेदारों और पुलिस की कथित गठजोड़ पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। कानून के मुताबिक हर बोतल पर ठेकेदार और दुकान का कोड अंकित होता है, ऐसे में यह खुलासा करने में देर क्यों की जा रही है कि यह खेप किस ठेकेदार की दुकान से निकली? पहले भी कुठला क्षेत्र और स्लीमनाबाद में बड़े पैमाने पर शराब की खेप पकड़ी गई थी। स्लीमनाबाद में ठेकेदार के गुर्गों को तो जेल भेज दिया गया, लेकिन ठेकेदारों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।लगातार हो रही कार्रवाई के बावजूद शराब माफिया सक्रिय हैं और खुलेआम कारोबार कर रहे हैं। अब सबसे अहम सवाल यही है कि आखिर तस्करों को संरक्षण देने वाला वह “चेहरा” कौन है जो खाकी वर्दी के पीछे छिपा हुआ है। आने वाले दिनों में पुलिस की कार्रवाई से इस गोरखधंधे के और कितने राज़ सामने आते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

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