अवैधानिक जमीन रजिस्ट्री में पकड़े गए सर्विस प्रोवाइडर, तत्काल निलंबित

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शहडोल। जिले में भूमाफियाओं और अवैध रजिस्ट्री कराने वाले सर्विस प्रोवाइडरों पर आखिरकार जिला प्रशासन ने गाज गिरा दी है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट शहडोल डॉ. केदार सिंह ने ज़मीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा, प्रतिबंधित भूमि की खरीद-बिक्री और मृत व्यक्तियों की जगह दूसरे लोगों को खड़ा कर रजिस्ट्री कराने जैसे घोटालों में संलिप्त पाए गए ई-पंजीयन सर्विस प्रोवाइडरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

यह कार्रवाई 10 सितंबर 2025 को जारी आदेश में की गई, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि जिले में राजस्व प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने, पॉवर ऑफ अटार्नी निरस्त होने, प्रतिबंधित भूमि या मृतक की जमीन बेचने जैसी अवैधानिक रजिस्ट्रियों के गंभीर प्रमाण सामने आए हैं। इन घोटालों में कई बार ग्राम पंचायतों, दलालों और सर्विस प्रोवाइडरों की मिलीभगत भी उजागर हुई है।

इन सर्विस प्रोवाइडरों पर गिरी गाज

मोहम्मद सैफ अंसारी पर मृतक भोलानाथ अहिरवार की जगह समान शक्ल के व्यक्ति को खड़ा कर दस्तावेज तैयार कराने का गंभीर आरोप। अभिषेक कुमार गुप्ता पर ग्राम हड़हा, तहसील बुढ़ार की खसरा नंबर 42 से 58 तक की रजिस्ट्री उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के बावजूद कराना। साथ ही, ग्राम बुढ़ार और ग्राम कंचनपुर की जमीनों की रजिस्ट्री कलेक्टर की अनुमति और पॉवर ऑफ निरस्त होने के बावजूद करना। गंगा सागर सिंह पर आरोप हैं कि ग्राम बुढ़ार और ग्राम कंचनपुर की प्रतिबंधित भूमि का अवैध पंजीयन। प्रीति शुक्ला पर आरोप हैं कि ग्राम सोहागपुर वार्ड नं. 17 में मुख्तियारनामा न होने के बावजूद विक्रय पत्र तैयार कर रजिस्ट्री कराना। स्वरूप सरकार पर आरोप हैं कि ग्राम वासिन वीरान पचगांव (विशिष्ट ग्राम) की भूमि का अवैधानिक पंजीयन कराया गया।

कलेक्टर का सख्त रुख

कलेक्टर डॉ. सिंह ने आदेश में कहा है कि इस तरह की घटनाएं न केवल मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 और अन्य कानूनी प्रावधानों का खुला उल्लंघन हैं, बल्कि ये किसानों और भोली-भाली जनता की जमीन हड़पने की साजिश का हिस्सा हैं। इसलिए लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने वाले सभी सर्विस प्रोवाइडर निलंबित किए जाते हैं और इनके विरुद्ध आगे कड़ी कार्रवाई भी प्रस्तावित है। जिले में लगातार ऐसे आवेदन प्राप्त हो रहे थे, जिनमें विक्रेताओं की सहमति के बिना जमीन बेचे जाने, प्रतिबंधित भूमि के पंजीयन और मृतक के नाम पर रजिस्ट्री होने की शिकायतें दर्ज की गई। जांच में इनकी पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने फर्जीवाड़े की जड़ पर प्रहार किया है।

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