झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन से युवक की मौत, अस्पताल पहुँचने से पहले तोड़ा दम

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ब्यौहारी के मझवा टोला का मामला

घाव पर पट्टी कर लगाया इंजेक्शन, बिगड़ी तबीयत

परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शुरू की जांच

पीएम रिपोर्ट से होगा मौत के कारण का खुलासा

शहडोल। जिले के ब्यौहारी क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लापरवाही और झोलाछाप डॉक्टरों के गैर-जिम्मेदाराना इलाज ने एक बार फिर एक मासूम की जान ले ली। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीण अंचलों में समय पर और सुचारू रूप से उपलब्ध न होने के कारण भोले-भाले आदिवासी ग्रामीण आज भी इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहते हैं। नतीजा यह होता है कि मामूली बीमारी भी बड़ी दुर्घटना में बदल जाती है और जान चली जाती है।

ताजा मामला ब्यौहारी के वार्ड क्रमांक 10 मझवा टोला निवासी 22 वर्षीय ओमप्रकाश कोल की मौत से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार ओमप्रकाश के पैर में घाव था। परिजन उसे उपचार के लिए कस्बे के चांदसी मेडिकल स्टोर ले गए, जहां पर कथित झोलाछाप डॉक्टर के बेटे ने इलाज शुरू किया। आरोप है कि युवक के घाव पर पट्टी करने के साथ ही उसे एक इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगते ही ओमप्रकाश की हालत अचानक बिगड़ गई। घबराए परिजनों ने तत्काल उसे शासकीय सिविल अस्पताल ब्यौहारी पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों के अस्पताल पहुंचने से पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया।

घटना के बाद मृतक के परिजनों ने मामले की लिखित शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर और उसके परिजनों की लापरवाही से ही ओमप्रकाश की मौत हुई है। शिकायत के आधार पर ब्यौहारी पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी अरुण पांडे ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं इस पूरे मामले पर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. विशाल सिंह परिहार ने बताया कि युवक को मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था। मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में प्रैक्टिस करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों को पहले ही नोटिस जारी कर उनके पंजीकरण संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं समय पर नहीं मिलतीं, जिसकी वजह से वे मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज कराने जाते हैं। कई बार इनके गलत इलाज से मरीजों की जान चली जाती है, लेकिन फिर भी इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना को गंभीरता से लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

ओमप्रकाश की मौत से पूरे परिवार और मोहल्ले में शोक का माहौल है। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर उचित इलाज मिलता तो उनकी संतान की जान बच सकती थी। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद पुलिस और प्रशासन झोलाछाप डॉक्टरों पर कितनी सख्त कार्रवाई करता है।

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