बड़ी कार्यवाही: पुलिस ने लाखों का अवैध कबाड़ पकड़ा, दो जिलों की पुलिस व्यवस्था पर उठे सवाल!
 (विपिन शिवहरे)
(विपिन शिवहरे) उमरिया। जिले की घुनघुटी चौकी पुलिस ने बीती रात एक ऐसी कार्रवाई की जिसने पूरे रेंज की पुलिस व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। पुलिस अधीक्षक विजय भगवानी के निर्देशन और चौकी प्रभारी कोमल दीवान की सूझबूझ से एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। देर रात दबिश देकर पुलिस ने एक भारी वाहन को पकड़ा, जिसमें ऊपर से तो प्लास्टिक गेट और कबाड़ जैसी वस्तुएं लदी थीं, लेकिन जब उसे जांच के लिए खाली कराया गया तो पुलिस दंग रह गई। नीचे लाखों रुपये का अवैध लोहा छिपाकर ले जाया जा रहा था।
बताया गया कि यह वाहन अनूपपुर जिला मुख्यालय के पटोरा टोला क्षेत्र से चोरी-छिपे कबाड़ लेकर उमरिया की ओर जा रहा था, जिसकी गुप्त सूचना मुखबिर तंत्र के माध्यम से उमरिया पुलिस को मिली थी। इस पर सक्रियता दिखाते हुए घुनघुटी चौकी प्रभारी कोमल दीवान ने अपनी टीम के साथ धरपकड़ की और वाहन को कब्जे में लेकर चौकी परिसर में खड़ा कराया। सुबह जब वाहन की तलाशी शुरू हुई, तो पुलिसकर्मी खुद हैरान रह गए,कबाड़ की आड़ में लाखों रुपये मूल्य का अवैध लोहा भरा हुआ था।
यह सफलता उमरिया पुलिस के लिए रात की सबसे बड़ी गिरफ्तारी साबित हुई है, लेकिन इस कार्रवाई ने साथ ही अनूपपुर और शहडोल जिलों की पुलिस व्यवस्था की पोल भी खोल दी है। सवाल यह उठ रहा है कि अनूपपुर से निकलने के बाद यह वाहन कैसे  चाचाई,अमलाई, बुढार, कोतवाली शहडोल और सोहागपुर जैसे कई थाना क्षेत्रों से गुजर गया। और किसी की नजर तक इस गाड़ी पर नहीं पड़ी? क्या यह केवल लापरवाही थी या फिर किसी बड़े नेटवर्क की मिलीभगत?
सूत्रों के अनुसार, अनूपपुर के तथाकथित  कबाड़ी का शहडोल तथा उमरिया जिले तक उनका  पुलिस के नेटवर्क फैला हुआ बताया जाता है। यही कारण है कि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध कबाड़ से लदी गाड़ी कैसे निकल गई,
यह प्रश्न अब पुलिस की साख पर भारी पड़ता दिख रहा है। स्थानीय जानकारों का कहना है कि मुखबिर तंत्र ने इस रूट की सूचना दोनों जिलों की पुलिस को दी थी, लेकिन उन्होंने या तो जानबूझकर अनदेखी की या फिर माफिया गठजोड़ के आगे झुक गए।
दूसरी ओर, उमरिया के पुलिस अधीक्षक विजय भगवानी ने अपनी तत्परता से यह साबित कर दिया कि यदि इच्छाशक्ति और जिम्मेदारी हो तो अपराध कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की पकड़ से नहीं बच सकता। पुलिस अधीक्षक की यह कार्रवाई पूरे रेंज के लिए एक मिसाल बन गई है। घुनघुटी चौकी प्रभारी कोमल दीवान की भी सराहना की जा रही है, जिन्होंने बिना किसी विलंब के कार्रवाई करते हुए गाड़ी को जप्त किया और माफिया नेटवर्क को ध्वस्त किया।
फिलहाल, पुलिस ने वाहन चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह कबाड़ कोतमा क्षेत्र से लोड होकर जबलपुर के एक कारोबारी के पास भेजा जा रहा था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इसके पीछे कौन-कौन से व्यापारी और स्थानीय पुलिस कर्मी शामिल हैं।
यह कार्रवाई न केवल उमरिया पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि दो अन्य जिलों की पुलिस के ढीले तंत्र की भी कटु सच्चाई उजागर करती है। अगर इस तरह का नेटवर्क चलता रहा तो प्रदेश के कबाड़ माफिया प्रशासनिक तंत्र की नाक के नीचे अपना साम्राज्य फैलाते रहेंगे।
उमरिया पुलिस की यह रातभर चली कार्रवाई इस बात का संकेत है कि यदि अधिकारी सख्त इच्छाशक्ति रखें तो अपराध कितना भी गहरा क्यों न हो, न्याय का उजाला हर अंधेरे को चीर सकता है।
                    
               
        
	             
                                                                    
                                                                    
                                                                    
                                         
                                         
                                         
                                        