दद्दा धाम में सजेगा श्रद्धा आस्था के विराट उत्सव का महाकुंभ. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव बनेगा श्रद्धा, सेवा और संस्कारों का संगम

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दद्दा धाम में सजेगा श्रद्धा आस्था के विराट उत्सव
का महाकुंभ. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव बनेगा श्रद्धा, सेवा और संस्कारों का संगम
कटनी।। दद्दा धाम इन दिनों अध्यात्म, भक्ति और सेवा की पावन आभा में नहाया हुआ है। 9 से 15 नवम्बर तक चलने वाला श्री दद्दा जी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और भारतीय परंपरा के जीवंत दर्शन का अनुपम उत्सव बनने जा रहा है।
इस विराट आयोजन की तैयारियाँ अब अंतिम चरण में हैं। कलेक्टर आशीष तिवारी और एसपी अभिनव विश्वकर्मा सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने आयोजन स्थल का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया है कि कार्यक्रम सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सहज रूप से संपन्न हो। उनके साथ निगम आयुक्त तपस्या परिहार, एसडीएम प्रमोद चतुर्वेदी, एडिशनल एसपी संतोष डेहरिया, थाना प्रभारी संजय दुबे, यातायात प्रभारी राहुल पांडे तथा आयोजन समिति के प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। दद्दा धाम का यह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। सात दिवसीय इस आयोजन में पार्थिव शिवलिंग निर्माण, रुद्राभिषेक, महाप्रसाद, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और संगीतमय भक्ति संध्याएँ जैसे कार्यक्रम श्रद्धालुओं के हृदय को भावविभोर करेंगे।
हर दिन का आयोजन विशेष है….11 से 13 नवम्बर तक पंडित इंद्रेश उपाध्याय वृंदावन की अमृतमयी कथा भक्तों को अध्यात्म की गहराइयों से परिचित कराएगी, वहीं देश के ख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल, चित्र विचित्र जी महाराज, निकुंज कामरा, आरुषि गंभीर, भक्त भगवान प्रभु जी और बृजरस अनु रानी ‘पूर्णिमा’ जी अपने भजनों से भक्ति रस का अद्भुत वातावरण रचेंगे।
मुख्य आकर्षण….15 नवम्बर का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान
महोत्सव का सबसे प्रतीक्षित क्षण 15 नवम्बर की प्रातः बेला में संपन्न होने वाला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान होगा। यह वही क्षण होगा जब दद्दा जी मंदिर की पावन प्रतिमा में दिव्य चेतना का संचार होगा एक ऐसा ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पल जिसे साक्षी बनना हर श्रद्धालु के लिए सौभाग्य होगा। यह कार्यक्रम पूज्य बड़े भैया डॉ. अनिल शास्त्री जी की पावन उपस्थिति में संपन्न होगा, जिनके मार्गदर्शन में यह समूचा आयोजन धर्म और सेवा का प्रतीक बन चुका है।
संतों की वाणी और भक्ति का प्रवाह
महोत्सव में पंडित मोहित मराल गोस्वामी जी, पंडित अनिरुद्ध आचार्य जी, पंडित पुंडरीक गोस्वामी जी, रेणुका जी और संत लाल दास साईं जी जैसे संतजन अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाएंगे। उनकी वाणी से न केवल श्रद्धा का संचार होगा, बल्कि समाज में प्रेम, एकता और धर्म के प्रति जागृति भी प्रसारित होगी। दद्दा धाम में यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। देशभर से आने वाले भक्तों, स्वयंसेवकों और प्रशासनिक सहयोग से यह आयोजन “सहयोग की भारतीय परंपरा” का जीवंत उदाहरण बन गया है। हजारों श्रद्धालु इस अवसर पर कटनी पहुँच रहे हैं, जिससे शहर का वातावरण पूर्णतः भक्ति और उत्साह से सराबोर हो उठा है।
आस्था का नया अध्याय
दद्दा धाम का यह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव न केवल एक मंदिर की स्थापना है, बल्कि यह उस आस्था का उत्सव है जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है भक्ति में सेवा, सेवा में संस्कार और संस्कार में समाज का कल्याण। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरक संदेश बनेगा कि जब श्रद्धा और संगठन साथ चलते हैं, तो आस्था का हर दीप मानवता का मार्ग प्रकाशित करता है। दद्दा धाम की प्राण प्रतिष्ठा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का पुनर्जागरण है। यह महोत्सव उस विश्वास की प्रतिध्वनि है कि जब श्रद्धा के साथ कर्म और सहयोग जुड़ते हैं, तो हर स्थान तीर्थ बन जाता है। “जहाँ भक्ति है, वहाँ शक्ति है; जहाँ सेवा है, वहाँ सच्चा जीवन है।”

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